भारत में ट्रैफिक से राहत की उम्मीद बढ़ी। बेंगलुरु की Sarla Aviation ने इलेक्ट्रिक एयर टैक्सी की टेस्टिंग शुरू की है। यह तकनीक दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों में सफर को मिनटों में बदल सकती है और प्रदूषण भी घटा सकती है।

एयर टैक्सी इंडिया (Img Source: Google)
New Delhi: भारत के बड़े शहरों में रहने वाले लोगों के लिए ट्रैफिक अब रोजमर्रा की सबसे बड़ी परेशानी बन चुका है। ऑफिस जाना हो, एयरपोर्ट पहुंचना हो या किसी जरूरी मीटिंग के लिए निकलना हो, घंटों जाम में फंसना आम बात है। लेकिन आने वाले कुछ सालों में यह तस्वीर बदल सकती है। बेंगलुरु की एविएशन स्टार्टअप Sarla Aviation ने एयर टैक्सी की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए इसकी टेस्टिंग शुरू कर दी है।
भारत में अर्बन एयर मोबिलिटी को हकीकत बनाने के लिए सारला एविएशन ने अपने इलेक्ट्रिक एयर टैक्सी प्रोजेक्ट पर काम तेज कर दिया है। कंपनी ने अपने हाफ-स्केल इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक-ऑफ एंड लैंडिंग यानी eVTOL डेमो विमान SYL-X1 की ग्राउंड टेस्टिंग बेंगलुरु में शुरू कर दी है। यह एयरक्राफ्ट पूरी तरह इलेक्ट्रिक है और बिना रनवे के सीधे ऊपर उड़ान भरने और लैंड करने में सक्षम है।
SYL-X1 का विंगस्पैन करीब 7.5 मीटर है और इसे भारत में बना अब तक का सबसे बड़ा और एडवांस प्राइवेट eVTOL डेमो एयरक्राफ्ट माना जा रहा है। यह सिर्फ एक शो मॉडल नहीं, बल्कि एक काम करने वाला टेस्ट विमान है।
ग्राउंड टेस्टिंग शुरू होने के साथ यह प्रोजेक्ट अब सिर्फ डिजाइन और लैब तक सीमित नहीं रहा। टेस्टिंग के दौरान एयर टैक्सी की स्ट्रक्चरल मजबूती, मोटर परफॉर्मेंस, बैटरी सिस्टम और सेफ्टी फीचर्स की गहन जांच की जा रही है। इसका मकसद भविष्य में यात्रियों को ले जाने वाले फुल-स्केल एयर टैक्सी मॉडल की मजबूत नींव तैयार करना है।
कंपनी ने यह भी बताया है कि वह जल्द ही एक फुल-स्केल स्टैटिक एयरक्राफ्ट तैयार कर रही है, जिसे बड़े टेक और मोबिलिटी इवेंट्स में पेश किया जाएगा। इसके अलावा सारला एविएशन ने हाल ही में 13 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई है, जिससे रिसर्च, डेवलपमेंट और टेस्टिंग को और रफ्तार मिलेगी।
एविएशन और ट्रांसपोर्ट एक्सपर्ट्स का मानना है कि एयर टैक्सी दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहरों के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है। जहां सड़क से एयरपोर्ट पहुंचने में डेढ़ से दो घंटे लग जाते हैं, वही सफर एयर टैक्सी से कुछ ही मिनटों में पूरा किया जा सकेगा।
इससे सड़कों पर निजी वाहनों की संख्या घटेगी, ट्रैफिक जाम कम होगा और प्रदूषण पर भी असर पड़ेगा। पूरी तरह इलेक्ट्रिक होने की वजह से एयर टैक्सी कार्बन उत्सर्जन नहीं करती, जो पर्यावरण के लिहाज से बड़ी राहत है।
हालांकि अभी यह तकनीक शुरुआती दौर में है और रेगुलेटरी मंजूरी, सेफ्टी ट्रायल और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी चुनौतियां बाकी हैं, लेकिन टेस्टिंग की शुरुआत यह साफ संकेत देती है कि भारत में शहरी हवाई सफर अब दूर की कल्पना नहीं रहा। आने वाले समय में एयर टैक्सी शहरों की पहचान बदल सकती है और रोजमर्रा के सफर को तेज, सुरक्षित और स्मार्ट बना सकती है।
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