ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म Myntra से खरीदी गई एक घड़ी को लेकर ग्राहक ने गंभीर शिकायत दर्ज कराई है। ग्राहक का दावा है कि घड़ी और उसकी पैकेजिंग पर मौजूद लोगो अलग-अलग थे, जिससे प्रोडक्ट की प्रामाणिकता पर संदेह हुआ।

Myntra की क्वालिटी चेक पर उठे सवाल
New Delhi: देश में ऑनलाइन शॉपिंग का चलन तेजी से बढ़ रहा है और Myntra जैसे बड़े ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म फैशन व लाइफस्टाइल उत्पादों के लिए उपभोक्ताओं की पहली पसंद बने हुए हैं। लेकिन हाल ही में सामने आई एक शिकायत ने ऑनलाइन खरीदे जाने वाले उत्पादों की प्रामाणिकता और क्वालिटी चेक सिस्टम पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
दरअसल, यह मामला Myntra से खरीदी गई एक घड़ी से जुड़ा है। ग्राहक का आरोप है कि उसे जो घड़ी डिलीवर की गई, उस पर लगा लोगो और घड़ी की पैकेजिंग पर मौजूद लोगो आपस में मेल नहीं खाते थे। इस अंतर को देखकर ग्राहक को संदेह हुआ कि कहीं उसे नकली (फेक) या डुप्लीकेट प्रोडक्ट तो नहीं भेज दिया गया।
ग्राहक के अनुसार, उसने तुरंत इस मुद्दे को Myntra के कस्टमर सपोर्ट के सामने उठाया और स्पष्ट रूप से लोगो में अंतर की जानकारी दी। ग्राहक को उम्मीद थी कि कंपनी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए या तो प्रोडक्ट को बदल देगी या इसकी गहन जांच कराएगी। हालांकि, कस्टमर सपोर्ट की ओर से उसे यह जवाब मिला कि संबंधित उत्पाद ने कंपनी की क्वालिटी चेक प्रक्रिया को पास कर लिया है और वह पूरी तरह मानकों के अनुरूप है।
इस जवाब से ग्राहक और अधिक निराश हो गया। उसका कहना है कि अगर घड़ी और उसकी पैकेजिंग पर ब्रांडिंग ही अलग-अलग है, तो केवल “क्वालिटी चेक पास” कह देना उपभोक्ता की शंका को दूर नहीं करता। ग्राहक का मानना है कि इससे Myntra की वेरिफिकेशन और ऑथेंटिसिटी जांच प्रणाली पर सवाल खड़े होते हैं।
यह मामला ऐसे समय सामने आया है जब देशभर में ई-कॉमर्स कंपनियां “100% ऑरिजिनल प्रोडक्ट” और “कड़ी क्वालिटी जांच” का दावा करती हैं। उपभोक्ता अधिकारों से जुड़े जानकारों का मानना है कि कंपनियों को केवल आंतरिक जांच का हवाला देने के बजाय ग्राहकों को स्पष्ट और पारदर्शी जवाब देना चाहिए।
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि Myntra की ओर से इस विशेष शिकायत पर आगे कोई जांच या प्रतिक्रिया दी गई है या नहीं। लेकिन यह घटना निश्चित रूप से ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले उपभोक्ताओं को सतर्क रहने का संदेश देती है।