Raebareli: उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के मिल एरिया स्थित काशीराम कॉलोनी (खोर-1) में मायावती सरकार के कार्यकाल के दौरान दो मंजिला स्कूल बिल्डिंग का निर्माण कराया गया था। इस स्कूल का उद्देश्य कॉलोनी में बसे गरीब और जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को पास में ही शिक्षा उपलब्ध कराना था, जिससे उन्हें दूर-दराज स्कूलों में जाने की परेशानी न हो। दुर्भाग्यवश, यह स्कूल कभी भी कार्यशील नहीं हो सका। इसे न तो नगर पालिका को हैंडओवर किया गया और न ही बेसिक शिक्षा विभाग को। लगभग 12-13 वर्षों से यह इमारत खाली पड़ी है और अब यह एक तांगा स्टैंड तथा असामाजिक तत्वों का अड्डा बन चुकी है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि कॉलोनी में कोई सरकारी स्कूल नहीं है। महिला निवासी निशा गुप्ता बताती हैं कि अगर यह स्कूल चालू होता, तो उनके बच्चों को पढ़ाई का अवसर मिल सकता था। कॉलोनी में सैकड़ों परिवार गरीबी रेखा के नीचे जीवन बिता रहे हैं, जिनके बच्चों के लिए यह भवन शिक्षा का एक जरिया बन सकता था। चौंकाने वाली बात यह है कि नगर पालिका और शिक्षा विभाग दोनों को ही इस भवन के अस्तित्व की जानकारी नहीं है। यह प्रशासनिक लापरवाही और सरकारी योजनाओं के खराब क्रियान्वयन का एक गंभीर उदाहरण है। आज भी यह बिल्डिंग मजबूत हालत में है और यदि प्रशासन चाहे तो इसे चालू कर गरीब बच्चों को बेहतर भविष्य दिया जा सकता है।