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Uttarakhand News: तराई पूर्वी वन प्रभाग की ताबड़तोड़ कार्रवाई, अवैध लकड़ी तस्करों का किया भंडाफोड़

तराई पूर्वी वन प्रभाग की ताबड़तोड़ कार्रवाई, अवैध लकड़ी तस्करी का भंडाफोड़
Post Published By: Rohit Goyal
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Uttarakhand News: तराई पूर्वी वन प्रभाग की ताबड़तोड़ कार्रवाई, अवैध लकड़ी तस्करों का किया भंडाफोड़

लालकुंआ: जनपद के तराई पूर्वी वन प्रभाग की टीम ने अवैध लकड़ी तस्करी पर बड़ी कार्रवाई करते हुए शांतिपुरी क्षेत्र में दो अलग-अलग मामलों में शिकंजा कसा है। सुरक्षा दस्ते ने एक पिकअप वाहन को जब्त कर उसमें लदी बेशकीमती लकड़ी को कब्जे में लिया है, जबकि एक अन्य मामले में निर्धारित संख्या से कहीं अधिक पेड़ों की कटान का सनसनीखेज मामला सामने आया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, गुरुवार को प्रभागीय वनाधिकारी और उप प्रभागीय वनाधिकारी के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए वन विभाग की टीम ने शांतिपुरी नंबर 3 की ओर से आ रही पिकअप संख्या UK 18/CA 1774 को रोकने का प्रयास किया। टीम को देखकर वाहन चालक वाहन छोड़कर मौके से फरार हो गया। जब्त पिकअप की तलाशी लेने पर उसमें मिश्रित कोकाट लकड़ी के लट्ठे भरे मिले। वाहन से किसी भी प्रकार के वैध दस्तावेज नहीं पाए गए, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि लकड़ी की तस्करी की जा रही थी। जब्त वाहन को डॉली रेंज परिसर में सुरक्षित खड़ा कर दिया गया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार वहीं, दूसरे मामले में वन विभाग के गश्ती दल ने शांतिपुरी नंबर 3 में नाँप भूमि में स्वीकृत 8 सागौन वृक्षों के स्थान पर 21 वृक्षों की कटाई का खुलासा किया है। यह मामला विभागीय मिलीभगत की ओर भी इशारा करता है, जिससे विभागीय कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार, स्वीकृति से तीन गुना अधिक सागौन वृक्षों की अवैध कटाई को गंभीरता से लिया गया है।

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि दोनों मामलों की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है और अग्रिम कार्रवाई की जा रही है। वन अधिनियम के तहत दोनों मामलों में संबंधित लोगों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा रही है।

इस कार्रवाई में वन सुरक्षा दल प्रभारी नवीन रैकवाल, वन दरोगा निर्मल रावत, दिनेश पंत और वाहन चालक श्याम सिंह राणा शामिल रहे।

गौरतलब है कि तराई पूर्वी वन प्रभाग में पिछले कुछ समय से लकड़ी तस्करी का अवैध धंधा चरम पर है। ऐसे में वन विभाग की यह सख्त कार्रवाई तस्करों को सीधी चेतावनी मानी जा रही है। विभाग ने भविष्य में और सख्त कदम उठाने का संकेत भी दिया है।

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