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उत्तराखंड में मौसम बना चुनौती; पर्वतीय जिलों में बारिश का अलर्ट, यमुनोत्री की राह अब भी मुश्किल

उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में अगले कुछ दिनों तक बारिश जारी रहेगी। गंगोत्री धाम में यात्रियों की संख्या सीमित की गई है जबकि यमुनोत्री धाम की यात्रा सड़क बाधाओं के कारण 13 सितंबर से शुरू होने की संभावना है।
Post Published By: Tanya Chand
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उत्तराखंड में मौसम बना चुनौती; पर्वतीय जिलों में बारिश का अलर्ट, यमुनोत्री की राह अब भी मुश्किल

Dehradun: उत्तराखंड में मानसून की सक्रियता एक बार फिर पर्वतीय जिलों में मुश्किलें बढ़ा रही है। मौसम विभाग ने राज्य के सभी पर्वतीय जिलों में बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, बागेश्वर, पिथौरागढ़, नैनीताल और चंपावत जिलों में अगले कुछ दिनों तक हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। गरज और तेज हवाओं के साथ बारिश की संभावना भी जताई गई है।

हरिद्वार और उधम सिंह नगर जैसे मैदानी इलाकों में भी बादल छाए रहने और बौछारें पड़ने की आशंका है। मौसम विज्ञानी रोहित थपलियाल के अनुसार, उत्तराखंड में मानसून की यह लहर अगले कुछ दिनों तक बनी रह सकती है। पर्वतीय क्षेत्रों में यात्रा करने वालों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

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देहरादून में गर्मी लौटने के संकेत

राजधानी देहरादून में पिछले कुछ दिनों से मौसम साफ रहने के कारण तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। बुधवार को देहरादून का अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 24.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। गुरुवार को भी इसी तरह के मौसम की संभावना है। मौसम खुलने से लोगों को दिन में उमस का सामना करना पड़ रहा है।

सोर्स- इंटरनेट

गंगोत्री धाम: सीमित संख्या में यात्रियों की अनुमति

उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री धाम की यात्रा भी मौसम और सड़क की खराब स्थिति से प्रभावित हो रही है। जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने जानकारी दी कि वर्तमान में गंगोत्री धाम में एक दिन में अधिकतम 500 यात्रियों को ही भेजा जा रहा है। यह निर्णय मौसम और मार्गों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

उत्तरकाशी जिले में जंगलचट्टी क्षेत्र में पिछले 18 दिनों से सड़क बाधित है। वहीं बडियार और सिलाई बैंड के पास सड़क पर बार-बार मलबा आने के कारण यात्रा बार-बार रुक रही है। गंगोत्री हाईवे पर धरासू, नालू पानी और डबरानी जैसे स्थान अत्यधिक संवेदनशील माने जा रहे हैं।

यमुनोत्री यात्रा 13 सितंबर से शुरू होने की उम्मीद

यमुनोत्री धाम की ओर जाने वाला मार्ग भी अभी पूरी तरह से सुचारू नहीं हो पाया है। फूलचट्टी से जानकीचट्टी को जोड़ने वाली सड़क यमुना नदी के कटाव के कारण लगभग 200 मीटर तक पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। इस कारण यमुनोत्री धाम की यात्रा को फिलहाल स्थगित रखा गया है। हालांकि, प्रशासन की ओर से यह आशा जताई जा रही है कि 13 सितंबर से यात्रा को दोबारा शुरू किया जा सकता है, यदि मौसम और मरम्मत कार्य की स्थिति अनुकूल रहती है। अगले सप्ताह स्थिति की समीक्षा के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

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सुरक्षा और सावधानी है पहली प्राथमिकता

राज्य सरकार और जिला प्रशासन द्वारा यात्रियों से अपील की गई है कि वे यात्रा पर निकलने से पहले मौसम और मार्ग की स्थिति की जानकारी अवश्य लें। लगातार बारिश से भूस्खलन और सड़कों पर मलबा आने की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे यात्रा में रुकावट आ रही है। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे अनावश्यक जोखिम न लें और केवल अधिकृत सूचना के आधार पर ही यात्रा करें। चारधाम यात्रा के दौरान किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए SDRF, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीमें तैनात हैं।

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