कब और कहाँ हुआ हादसा?
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, यह हादसा पुरी के गुंडिचा मंदिर के सामने हुआ, जो जगन्नाथ मंदिर से करीब 3 किलोमीटर दूर है। सुबह-सुबह श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ के नंदीघोष रथ के दर्शन के लिए भारी संख्या में जमा थे। बलभद्र और सुभद्रा के रथ पहले ही गुंडिचा मंदिर पहुँच चुके थे। जैसे ही भगवान जगन्नाथ का रथ पहुँचा, भक्तों में दर्शन की होड़ मच गई और अचानक भगदड़ शुरू हो गई।
कैसे मचा हड़कंप?
बताया जा रहा है कि रथ के बेहद पास पहुंचने के प्रयास में लोग एक-दूसरे पर चढ़ते-गिरते गए। भीड़ बेकाबू हो गई और मौके पर पर्याप्त पुलिस बल नहीं था। इसी अफरा-तफरी में तीन लोगों की जान चली गई। मृतकों की पहचान बसंती साहू (36), प्रेमकांति महांति (78), और प्रभाती दास के रूप में हुई है। सभी के शव पुरी मेडिकल कॉलेज में रखे गए हैं।
क्यों उठे सवाल?
घटना के बाद मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर भक्तों से माफी मांगी और कहा कि यह लापरवाही माफ करने योग्य नहीं है। सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पुरी के कलेक्टर और एसपी को हटा दिया। चंचल राणा को नया कलेक्टर और पिनाक मिश्रा को नया एसपी बनाया गया है। इसके अलावा एक डीसीपी और कमांडेंट को निलंबित कर दिया गया है।
क्या स्थिति है अब?
घायलों को पुरी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है, जहां परिजनों की भीड़ लगी हुई है। कई लोग रोते-बिलखते अपने परिजनों की जानकारी ले रहे हैं। हादसे ने प्रशासन की तैयारी और सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
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