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नैनीताल में भारी बारिश का अलर्ट, बच्चों की सुरक्षा के लिए 1 सितंबर को सभी स्कूल और आंगनबाड़ी बंद रहेंगे

नैनीताल जिले में भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। जिलाधिकारी ने आदेश जारी कर 1 सितंबर को सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में अवकाश घोषित किया है। बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह कदम एहतियातन उठाया गया है।
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नैनीताल में भारी बारिश का अलर्ट, बच्चों की सुरक्षा के लिए 1 सितंबर को सभी स्कूल और आंगनबाड़ी बंद रहेंगे

नैनीताल:  उत्तराखंड के  नैनीताल जिले में लगातार हो रही भारी बारिश ने हालात चिंताजनक बना दिए हैं। मौसम विभाग ने जिले के लिए अलर्ट जारी किया है, जिसके बाद प्रशासन ने एहतियात के तौर पर बड़ा कदम उठाया है। जिलाधिकारी ने आदेश जारी कर स्पष्ट किया है कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसी कारण जिले के सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को एक दिन के लिए बंद रखने का निर्णय लिया गया है। यह आदेश 1 सितंबर को लागू होगा। इसमें कक्षा 1 से 12 तक संचालित सभी राजकीय, परिषदीय, सहायता प्राप्त और मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों के साथ ही आंगनबाड़ी केंद्र भी शामिल हैं।

कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश

प्रशासन ने साफ कहा है कि खराब मौसम के बीच किसी भी प्रकार का जोखिम नहीं उठाया जा सकता। इसलिए छात्रहित और बाल्यहित की दृष्टि से अवकाश घोषित किया गया है। जिलाधिकारी ने सभी तहसीलों और संबंधित विभागों को आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही यह भी चेतावनी दी गई है कि यदि किसी भी शैक्षणिक संस्थान ने आदेश की अवहेलना की तो उसके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

भूस्खलन और जलभराव की स्थिति

भारी बारिश के चलते जिले के कई हिस्सों में जनजीवन प्रभावित हुआ है। जगह-जगह भूस्खलन और जलभराव की स्थिति बनी हुई है, जिससे आवाजाही पर भी असर पड़ा है। ऐसे में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्कूल बंद रखने का कदम अभिभावकों के लिए राहत की खबर है।

आपदा की स्थिति में सतर्कता और एहतियात

प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि मौसम की खराब परिस्थितियों में अनावश्यक यात्रा से बचें और सुरक्षित स्थानों पर ही रहें। साथ ही प्रशासन द्वारा समय-समय पर जारी किए जा रहे दिशा-निर्देशों का पालन करने की भी अपील की गई है। यह कदम जहां बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से अहम है, वहीं यह संदेश भी देता है कि किसी भी आपदा की स्थिति में सतर्कता और एहतियात सबसे जरूरी है।

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