Dehradun: उत्तराखंड के देहरादून जिले के जिलाधिकारी सविन बंसल ने अपनी ज़मीनी समझ और किसानों के प्रति संवेदनशीलता का परिचय दिया। आज, उन्होंने ग्राम आर्केडिया ग्रांट में धान की फसल कटाई प्रयोग का निरीक्षण किया और खुद किसानों के साथ खेतों में उतरकर फसल काटी। उनके इस कदम से न केवल किसानों को प्रोत्साहन मिला, बल्कि प्रशासन की पारदर्शिता और तकनीकी पहलुओं को भी उजागर किया गया।
आधुनिक तकनीक के साथ फसल कटाई प्रयोग में हुई सफलता
आज के फसल कटाई प्रयोग का उद्देश्य फसलों की उपज का सही आंकलन करना था, ताकि आगामी मौसम में किसानों को उचित मुआवजा और बीमा लाभ मिल सके। डीएम सविन बंसल ने इस प्रयोग के दौरान किसानों से सीधा संवाद किया और खुद खेतों में धान काटा।
माप के बाद 43.30 वर्ग मीटर के प्लॉट से 17 किलो 500 ग्राम धान की उपज दर्ज की गई। यह आंकड़ा भारत सरकार के पोर्टल पर तुरंत अपलोड कर दिया गया, जिससे डेटा की पारदर्शिता और त्वरित उपलब्धता सुनिश्चित हुई।
डीएम सविन बंसल ने देहरादून के किसानों के साथ मिलकर धान की फसल कटाई की। इस तकनीकी पहल से किसानों को सही मुआवजा और पारदर्शिता का लाभ मिलेगा। देखिए कैसे प्रशासन ने बदलाव लाया! #SavinBansal #Farmers #CropCutting pic.twitter.com/TWRs987AaF
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) October 17, 2025
फसल कटाई आंकड़े को भारत सरकार के पोर्टल पर अपलोड करने का महत्व
फसल कटाई के तुरंत बाद, राजस्व उपनिरीक्षक द्वारा जनरल क्रॉप एस्टीमेशन सर्वे (GCES) और CCE एग्री ऐप के माध्यम से फसल के आंकड़े एकत्र किए गए। इसके बाद, इन्हें तुरंत भारत सरकार के पोर्टल पर अपलोड किया गया, जिससे सरकारी पोर्टल पर इन आंकड़ों का तत्काल पहुंच सुनिश्चित हुई। इस प्रक्रिया से किसानों के लिए कई लाभ होंगे। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि यह आंकड़े प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में काम आएंगे, जिससे किसानों को उचित मुआवजा मिलने में मदद मिलेगी।
किसानों के साथ संवाद
डीएम सविन बंसल का यह कदम दिखाता है कि जब प्रशासन अपनी नीतियों में पारदर्शिता अपनाता है और किसानों से सीधे संवाद करता है, तो जमीनी स्तर पर बदलाव लाना संभव हो जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि यह प्रयास किसानों के लिए लंबी अवधि में मददगार साबित होगा। इस पहल से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि फसल बीमा और अन्य योजनाओं का लाभ किसानों तक पहुंचे। किसानों ने भी जिलाधिकारी की इस पहल की सराहना की और कहा कि इससे न केवल उनकी मेहनत का सही मूल्य मिलेगा, बल्कि भविष्य में उन्हें बीमा और मुआवजा देने में भी कोई समस्या नहीं आएगी।
डीएम बंसल की पहल से जुड़ी तकनीकी और प्रशासनिक सुधार
डीएम सविन बंसल की पहल ने प्रशासन और तकनीकी सुधार के रास्ते खोल दिए हैं। जहां एक तरफ यह प्रयोग किसानों को लाभ दिलाने का एक बड़ा कदम है, वहीं दूसरी तरफ यह दिखाता है कि प्रशासन किस तरह से पारदर्शिता, तकनीकी सहायता और त्वरित डेटा को एकजुट करके फसल कटाई और मुआवजा वितरण में सुधार कर सकता है।
यह तकनीकी प्रगति यह सुनिश्चित करती है कि राज्य में हर किसान को उनका हक सही समय पर और सही तरीके से मिले। इससे न केवल प्रशासन की कार्यक्षमता में सुधार होगा, बल्कि किसानों के प्रति सरकार की नीतियों में भी विश्वास बढ़ेगा।