रूस की राजधानी मॉस्को में आयोजित वर्ल्ड रॉ पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में ऋषिकेश के प्रणय पांथरी और स्वर्णिम रतूड़ी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण और रजत पदक जीतकर प्रदेश व देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गर्व से ऊँचा किया है। दोनों खिलाड़ियों की इस उपलब्धि से परिजनों और क्षेत्र में उत्साह का माहौल है।

प्रणय पांथरी और स्वर्णिम रतूड़ी ने वर्ल्ड रॉ पावर लिफ्टिंग में किया स्वर्ण पदक हासिल
Dehradun: रूस की राजधानी मॉस्को में आयोजित वर्ल्ड रॉ पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में ऋषिकेश के प्रणय पांथरी और स्वर्णिम रतूड़ी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण और रजत पदक जीतकर प्रदेश व देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गर्व से ऊँचा किया है। दोनों खिलाड़ियों की इस उपलब्धि से परिजनों और क्षेत्र में उत्साह का माहौल है।
बता दे कि बीती 4 से 7 दिसंबर तक वर्ल्ड रॉ पावरलिफ्टिंग फेडरेशन द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में ऋषिकेश, देहरादून के निवासी प्रणय पांथरी (22) पुत्र संतोष पांथरी तथा स्वर्णिम रतूड़ी (17) पुत्र विनोद रतूड़ी ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए गोल्ड और सिल्वर मेडल हासिल किए।
वर्ल्ड रॉ पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में ऋषिकेश के प्रणय पांथरी और स्वर्णिम रतूड़ी ने जीते पदक
➡️स्वर्णिम रतूड़ी ने 75.5 किलोग्राम भार वर्ग में दो स्वर्ण और एक रजत पदक जीता
➡️प्रणय पांथरी ने 120 किलोग्राम कैटेगरी में तीन स्वर्ण और एक रजत पदक अपने नाम किए
➡️पदक हासिल करने के बाद… pic.twitter.com/oQxW0ux7IT— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) December 10, 2025
बुधवार को देहरादून एयरपोर्ट पहुंचने पर दोनों खिलाड़ियों का भव्य स्वागत किया गया। खिलाड़ियों ने अपनी जीत का श्रेय माता–पिता, कोच व सतत मेहनत को दिया।
उन्होंने युवाओं से फिजिकल एक्टिविटी और खेलों में आगे आने की अपील करते हुए कहा कि नशे से दूर रहकर अनुशासन और लक्ष्य निर्धारित कर मेहनत करनी चाहिए। परिजनों ने कहा कि बच्चों की प्रतिभा को प्रोत्साहन देना चाहिए, न कि उसे दबाना चाहिए। बच्चे जिस क्षेत्र में रुचि दिखाते हैं, उसमें उन्हें अवसर देने से वे उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं।
प्रतियोगिता में स्वर्णिम रतूड़ी ने 75.5 किलोग्राम भार वर्ग में दो स्वर्ण और एक रजत पदक जीता। यह उनकी पाँचवीं अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप थी। इससे पहले वे वियतनाम, कजाकिस्तान और रूस सहित कई देशों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
वहीं प्रणय पांथरी ने 120 किलोग्राम कैटेगरी में तीन स्वर्ण और एक रजत पदक अपने नाम किए। प्रणय भी इससे पहले अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग ले चुके हैं। दोनों खिलाड़ियों ने बताया कि खेल में कोच की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है और अनुशासन किसी भी खिलाड़ी की सबसे बड़ी ताकत है।
उन्होंने कहा कि मन विचलित होने से लक्ष्य की प्राप्ति कठिन हो जाती है, इसलिए लक्ष्य निर्धारित कर निरंतर मेहनत करने की जरूरत है। दोनों खिलाड़ी अब अगली चैंपियनशिप की तैयारी में जुटने जा रहे हैं। स्वागत करने वालों में परिजन, मित्र, सहयोगी सहित कई लोग शामिल रहे, जिन्होंने पुष्पगुच्छ और माल्यार्पण कर खिलाड़ियों का अभिनंदन किया।