गोरखपुर; लोक कला साधना को मिलेगा सम्मान, आगरा की प्रो. मीना कुमारी व गोरखपुर के महेश वर्मा होंगे पुरस्कृत

लोक संस्कृति व लोक कला के संरक्षण व संवर्धन के लिए समर्पित पुरवाई कला गोरखपुर की ओर से वर्ष 2025 का प्रतिष्ठित पुरवाई कला सम्मान इस बार आगरा की वरिष्ठ चित्रकार प्रोफेसर मीना कुमारी और गोरखपुर के युवा मूर्तिकार महेश वर्मा को प्रदान किया जाएगा।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 21 July 2025, 2:55 PM IST

Gorakhpur: लोक संस्कृति व लोक कला के संरक्षण व संवर्धन के लिए समर्पित पुरवाई कला गोरखपुर की ओर से वर्ष 2025 का प्रतिष्ठित पुरवाई कला सम्मान इस बार आगरा की वरिष्ठ चित्रकार प्रोफेसर मीना कुमारी और गोरखपुर के युवा मूर्तिकार महेश वर्मा को प्रदान किया जाएगा। यह सम्मान 2 अगस्त को विजय चौक स्थित होटल ब्लैक हॉर्स के सभागार में आयोजित भव्य समारोह में दिया जाएगा।

डाइनामाइट न्यूज़ रिपोर्ट अनुसार हर वर्ष डॉ. राजीव केतन की स्मृति में दिए जाने वाले इस सम्मान की घोषणा सोमवार को संस्था के गोरखनाथ स्थित कार्यालय में तीन सदस्यीय चयन समिति की बैठक के बाद की गई। बैठक में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के ललित कला एवं संगीत विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. गौरी शंकर चौहान, डॉ. प्रदीप साहनी और संस्थाध्यक्ष ममता श्रीवास्तव उपस्थित रहे।

वरिष्ठ कलाकार की श्रेणी में चयनित प्रो. मीना कुमारी वर्तमान में आगरा कॉलेज, आगरा के चित्रकला विभाग की अध्यक्ष हैं। उन्होंने पारंपरिक लोक कला व आधुनिक कला के मिश्रण से कला में नई दिशा दी है। उनके बनाए चित्रों में भारतीय लोक रंग और परंपरा के बोध के साथ स्त्री-संवेदना की झलक देखने को मिलती है। उनके कार्यों का प्रदर्शन कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कला समारोहों में हो चुका है, जहां उनकी कला को सराहा गया है।

युवा कलाकार के रूप में सम्मानित होने वाले महेश वर्मा दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के ललित कला व संगीत विभाग के पूर्व छात्र हैं। वह मिट्टी, धातु व मिश्रित माध्यमों से मूर्तिकला में नवाचार के लिए पहचाने जाते हैं। गोरखपुर क्षेत्र की लोक संस्कृति और आमजन के जीवन संघर्ष को अपनी मूर्तियों में उतारना उनकी विशेषता रही है। उनके कार्य विभिन्न कला आयोजनों में प्रदर्शित होकर कला प्रेमियों का ध्यान आकर्षित कर चुके हैं।

पुरवाई कला की संस्थाध्यक्ष ममता श्रीवास्तव ने बताया कि संस्था का उद्देश्य लोक कला, संस्कृति और पारंपरिक कलारूपों को संरक्षित कर नई पीढ़ी तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि डॉ. राजीव केतन की स्मृति में दिया जाने वाला यह सम्मान कलाकारों की साधना को पहचान देने का प्रयास है।

आगामी समारोह में शहर के कला प्रेमी, संस्कृतिकर्मी और विश्वविद्यालय के कला विभाग से जुड़े शिक्षक-छात्र शामिल होकर इन कलाकारों के सम्मान के साक्षी बनेंगे। समारोह में दोनों कलाकारों के चुनिंदा कार्यों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। इस आयोजन से गोरखपुर की सांस्कृतिक धरती एक बार फिर कला साधकों की साधना और समाज में उनके योगदान को सम्मानित करने का माध्यम बनेगी।

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  • Gorakhpur

Published : 
  • 21 July 2025, 2:55 PM IST