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Uttar Pradesh: महोबा में कर्ज से परेशान शख्स ने उठाया ये कदम, मची अफरातफरी

उत्तर प्रदेश के महोबा में शनिवार को कर्ज से परेशान एक शख्स ने आत्महत्या का प्रयास किया। जिससे उसकी हालत गंभीर हो गई। घटना से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है।
Post Published By: Jay Chauhan
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Uttar Pradesh: महोबा में कर्ज से परेशान शख्स ने उठाया ये कदम, मची अफरातफरी

महोबा: जनपद के कुलपहाड़ कस्बे में रेलवे स्टेशन के पास रहने वाले शख्स ने कर्ज से परेशान और पुत्र की मौत के सदमे से हताश होकर जहरीला पदार्थ खा लिया जिससे उसकी हालत बिगड़ गई। सूचना पर परिजनों ने उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया।

जहर खाने वाले शख्स की पहचान माहिल (55) के रुप में हुई है।

पीड़ित ने बतायी आपबीती

जानकारी के अनुसार पीड़ित ने तीन बेटियों की शादी के लिए 6 लाख रुपए का कर्ज लिया था। मजदूरी न मिलने के कारण वह कर्ज नहीं चुका पा रहा था। साहूकार रोजाना उसके घर आकर पैसों की मांग करते और धमकियां देते थे।

परिजनों ने बताया कि पीड़ित माहिल के जीवन में सबसे बड़ा सदमा एक साल पहले आया, जब उसके 10 वर्षीय बेटे छोटू की आकाशीय बिजली की चपेट में आकर मौत हो गई। उस हादसा ने माहिल की आत्मा को झकझोर दिया।

अस्पताल में मामले की जांच करती पुलिस

इसलिए उठाया ये कदम

पीड़ित ने बताया कि उसने अपनी तीन बेटियों मीना, बिट्टू और फुल्ला की शादी के लिए लगभग 6 लाख रुपए का कर्ज लिया। मजदूरी की कमी के कारण वह यह रकम चुकाने में असमर्थ रहा। साहूकार रोज दरवाजे पर दस्तक देते, तकादा करते और धमकी देते रहते।

अस्पताल में इलाज कराते परिजन

उसने कहा कि  हर दिन उन्हें समझाने की कोशिश करता, लेकिन जब कोई रास्ता न मिला, तो उसने हार मान ली।

ग्रामीणों ने बताया कि साहूकारों के सख्त रवैये और लगातार वसूली के दबाव ने माहिल की उम्मीदों की आखिरी किरण भी बुझा दी। माहिल के परिवार में नौ संतानें हैं, सबसे छोटी पुत्री सोनिया अभी केवल पांच साल की है, जिसकी शादी की चिंता उसके मन पर बोझ बनी हुई है। अन्य नाबालिग बेटे जागेश, सोनू और जावेद की परवरिश की चिंता भी उसे चैन नहीं लेने देती।

उसकी मेहनत और ईमानदारी के बावजूद मजदूरी न मिलना उसके लिए अभिशाप बन गया।

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माहिल का संघर्ष सिर्फ उसकी व्यक्तिगत त्रासदी नहीं, बल्कि उन अनगिनत गरीब परिवारों का दर्द भी उजागर करता है, जिनके सपनों और उम्मीदों को गरीबी, बेरोजगारी और कर्ज का बोझ बर्बाद कर देता है।

बेटे की असमय मृत्यु, बेटियों की शादी, और बेरोजगारी की मार ने माहिल को उस मोड़ पर पहुंचा दिया, जहां उसने जीवन से हार मान ली। उसका जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में इलाज चल रहा है।

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पीडित का इलाज जारी है, लेकिन परिवार में डर और चिंता का माहौल है।

 

 

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