Maharajganj: जिले के निचलौल थाना क्षेत्र में तैनात दो सिपाहियों के खिलाफ एक वर्ष पहले छठ पूजा के दौरान एक दलित दंपति से अभद्रता, मारपीट और जातिसूचक शब्दों के प्रयोग का गंभीर मामला सामने आया है। परिवादी नन्दलाल पुत्र निवासी निचलौल ने न्यायालय में परिवाद दायर कर बताया कि एक वर्ष पहले 7 नवंबर 2024 को शाम लगभग 5 बजे वे अपनी पत्नी सुनीता देवी के साथ छठ पूजा के लिए घाट पर गए थे। उसी दौरान थाना निचलौल में तैनात सिपाही विनय कुमार यादव और लक्ष्मण प्रसाद ने उन्हें जातिसूचक शब्दों से गालियाँ देते हुए अपमानित किया।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार परिवादी ने विरोध किया तो दोनों सिपाहियों ने कहा कि “हम तुम्हारे खिलाफ फर्जी मुकदमा लिखवा देंगे।” इस दौरान उन्होंने धक्का-मुक्की करते हुए परिवादी के कपड़े फाड़ दिए और लात-घूसों से मारपीट की। मौके पर मौजूद संतोष, जयराम, शम्भू समेत कई लोगों ने बीच-बचाव कर किसी तरह स्थिति को संभाला।
परिवादी का आरोप है कि उसी रात लगभग 10 बजे दोनों सिपाही उसके घर में घुस आए, दरवाजा खुलवाकर उसे फिर से मारा-पीटा और उसकी पत्नी सुनीता के साथ अभद्रता की। आरोप है कि उन्होंने सुनीता की साड़ी खींच ली, जिससे वह अर्द्धनग्न हो गई। घरवालों के शोर मचाने पर आरोपी सिपाही मौके से भाग निकले।
अगले दिन परिवादी ने थाने में लिखित शिकायत दी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। बाद में उसने पुलिस अधीक्षक महराजगंज को भी प्रार्थना पत्र भेजा, फिर भी मामला लंबित रहा। अंततः पीड़ित ने न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया।
न्यायालय ने परिवादी व उसके गवाहों — संतोष यादव जयराम, सुनीता देवी व शम्भू के बयानों को दर्ज किया। सभी गवाहों ने परिवादी की बात की पुष्टि की। न्यायालय ने साक्ष्य के आधार पर माना कि आरोप प्रथम दृष्टया गंभीर और संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आते हैं।
अतः न्यायालय ने सिपाही विनय कुमार यादव एवं लक्ष्मण प्रसाद को भारतीय न्याय संहिता की धारा 115(2), 352, 351(3) तथा अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3(1)(द), 3(1)(ध) व 3(2)(5क) के तहत विचारण हेतु तलब करने का आदेश पारित किया है।
अदालत ने दोनों अभियुक्तों को 10 दिसंबर 2025 को न्यायालय में उपस्थित होने हेतु समन जारी किया है और मामले को विशेष सत्र परीक्षण (Special Session Trial) के रूप में दर्ज करने का निर्देश दिया है।

