ESMA के तहत अगले छह महीनों के लिए पूरे प्रदेश में हड़ताल पर रोक लगा दी है। IAS एम. देवराज द्वारा जारी आदेश सभी सरकारी विभागों, निगमों और स्थानीय निकायों पर लागू होगा। सरकार का कहना है कि यह कदम जनता की अत्यावश्यक सेवाओं को बाधित होने से बचाने के लिए जरूरी है।

उत्तर प्रदेश सरकार
Lucknow: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था को सुचारू और बाधारहित बनाए रखने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। शासन ने अत्यावश्यक सेवाओं का अनुसरण अधिनियम 1966 के तहत पूरे प्रदेश में आगामी छह माह के लिए हड़ताल पर रोक लगा दी है। यह आदेश प्रमुख सचिव IAS एम. देवराज द्वारा जारी किया गया है।
सूत्रों के अनुसार, हाल ही में कई विभागों जैसे स्वास्थ्य कर्मियों, नगर निगम स्टाफ, विद्युत कर्मचारी यूनियन और शिक्षा विभाग के कार्मिकों की ओर से प्रदर्शन, कार्य बहिष्कार और हड़ताल की चेतावनियां मिलने लगी थीं। सरकार का मानना है कि यदि ऐसे समय में हड़ताल की अनुमति दी जाती है तो अस्पतालों में सेवाएं प्रभावित होंगी, बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं बाधित होंगी, स्वच्छता और सफाई व्यवस्था चरमराएगी और ग्रामीण और शहरी निकायों का काम रुक जाएगा।
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जारी अधिसूचना में बताया गया है कि रोक राज्य सरकार के अधीन आने वाले लगभग सभी विभागों पर प्रभावी होगी। इनमें प्रमुख रूप से स्वास्थ्य सेवा विभाग, पुलिस, अग्निशमन सेवा, नगर निगम और नगर पालिका परिषदें, विद्युत निगम, लोक निर्माण विभाग (PWD) और ग्रामीण विकास विभाग, जल निगम एवं जल प्राधिकरण, शिक्षा विभाग, परिवहन विभाग और अन्य स्थानीय निकाय, परिषद, प्राधिकरण शामिल हैं।
अधिसूचना में प्रमुख सचिव ने कहा कि उत्तर प्रदेश अत्यावश्यक सेवाओं का अनुसरण अधिनियम 1966 की धारा 3 के तहत प्राप्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, प्रदेश में आगामी छह माह तक किसी भी प्रकार की हड़ताल प्रतिबंधित की जाती है। इस अधिनियम के तहत सरकार किसी भी ऐसे विभाग में हड़ताल पर रोक लगा सकती है, जिनकी सेवाएं जनहित के लिए अनिवार्य हों।