Sonbhadra: जिले के ओबरा पीजी कॉलेज में शुक्रवार को छात्रों ने अपनी शिक्षा संबंधी विभिन्न समस्याओं और मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान छात्रों ने नारेबाजी करते हुए प्राचार्य को ज्ञापन सौंपा और चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वे वृहद आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
रिक्त पदों पर प्रोफेसरों की नियुक्ति प्रमुख मांग
प्रदर्शन कर रहे छात्रों की प्रमुख मांगों में रिक्त पदों पर प्रोफेसरों की नियुक्ति शामिल है। छात्रों ने बताया कि कॉलेज में इंग्लिश, भौतिक विज्ञान और अर्थशास्त्र जैसे महत्वपूर्ण विषयों के प्रोफेसर नहीं हैं। इस वजह से दूर-दराज से आने वाले छात्र-छात्राओं को नियमित कक्षाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। कई बार विभागीय स्तर पर अवगत कराने के बावजूद इस समस्या का समाधान नहीं हुआ है।
सोनभद्र के ओबरा पीजी कॉलेज में छात्रों ने विभिन्न मांगों को लेकर किया विरोध-प्रदर्शन, प्राचार्य को सौंपा ज्ञापन@sonbhadrapolice #sonbhadra #ObraPGCollege pic.twitter.com/VUNFSQci9a
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) August 30, 2025
लाइब्रेरी की बदहाल स्थिति
छात्रों ने लाइब्रेरी की स्थिति पर भी गंभीर सवाल उठाए। उनका कहना है कि 2021 में मंगाई गई किताबें नाममात्र की हैं। लाइब्रेरी में पुस्तकें इतनी कम हैं कि एक समय में केवल 10 छात्र ही वहां अध्ययन कर सकते हैं। छात्रों ने आरोप लगाया कि उच्च शिक्षा के नाम पर सुविधाएं बेहद सीमित हैं, जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
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दूर-दराज से आने वाले छात्रों की दिक्कतें
छात्र नेता सत्येंद्र कुमार यादव ने बताया कि सोनभद्र एक आदिवासी बहुल क्षेत्र है। यहां अनपरा, पिपरी, रेणुकूट, बभनी, म्योरपुर, कोटा, कोन, कचनरवा, चोपन, शाहगंज और जुगैल जैसे दूर-दराज के गांवों से छात्र-छात्राएं ओबरा पीजी कॉलेज पढ़ने आते हैं। उन्होंने कहा कि एक गरीब किसान जो प्रतिदिन ₹300 की मजदूरी करता है, उसकी आधी कमाई बच्चों के बस किराए में चली जाती है। ऐसे में कई परिवार अपने बच्चों को पढ़ाने में असमर्थ हो जाते हैं।
बेटियों की सुरक्षा को लेकर चिंता
प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने बेटियों की सुरक्षा का मुद्दा भी उठाया। उनका कहना है कि दुरुस्त इलाकों से आने वाली लड़कियां सुबह 6 बजे घर से निकलती हैं और कई किलोमीटर पैदल चलकर, नाव से नदी पार करके, सुबह 10 बजे तक कॉलेज पहुंचती हैं। शाम को 5 बजे के बाद जब वे लौटती हैं तो रास्ते में सुरक्षा की चिंता बनी रहती है। माता-पिता को भी बेटियों की सुरक्षा को लेकर भय सताता है। छात्रों ने प्रशासन से कॉलेज तक नियमित परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की।
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पूर्व में भी उठाई जा चुकी हैं मांगें
छात्रों ने बताया कि इन समस्याओं के समाधान के लिए पहले भी कई बार ज्ञापन दिया जा चुका है, लेकिन प्रशासन और विभागीय स्तर पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। छात्रों ने चेतावनी दी कि अगर इस बार भी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो वे आंदोलन को और व्यापक करेंगे।
प्राचार्य ने आश्वासन दिया
प्रदर्शन के दौरान ओबरा पीजी कॉलेज के प्राचार्य ने छात्रों का ज्ञापन स्वीकार किया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि छात्रों की मांगों को राज्यपाल को पत्र लिखकर भेजा जाएगा। साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रोफेसरों की नियुक्ति और लाइब्रेरी में अतिरिक्त किताबों की मांग पर सकारात्मक पहल होगी।
छात्रों ने दी चेतावनी
प्राचार्य के आश्वासन के बाद छात्रों ने प्रदर्शन समाप्त कर दिया, लेकिन यह भी स्पष्ट कर दिया कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे पुनः आंदोलन करने को मजबूर होंगे। छात्रों ने कहा कि शिक्षा जैसी बुनियादी जरूरतों को नज़रअंदाज़ करना भविष्य के साथ खिलवाड़ है, और वे इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।