Site icon Hindi Dynamite News

Sonbhadra News: लड़की को बहलाने के मामले में महिला दोषी करार, अदालत ने सुनाई सख्त सजा

यूपी के सोनभद्र जिले से एक बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां नाबालिग को भगाने के मामले में कोर्ट ने सात साल पुराने मामले में फैसला सुनाया है।
Post Published By: सौम्या सिंह
Published:
Sonbhadra News: लड़की को बहलाने के मामले में महिला दोषी करार, अदालत ने सुनाई सख्त सजा

Sonbhadra: करीब साढ़े सात वर्ष पहले 15 वर्षीय नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर भगाने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट अमित वीर सिंह की अदालत ने सोमवार को फैसला सुनाया। अदालत ने मामले में दोषसिद्ध पाकर आरोपी चंपा देवी को 5 वर्ष की सश्रम कैद और 5 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने की स्थिति में चंपा देवी को 15 दिन की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि अर्थदंड की राशि में से 3 हजार रुपये पीड़िता को प्रदान किए जाएं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यह मामला थाना चोपन क्षेत्र के एक गांव से जुड़ा है। पीड़िता के पिता ने 18 फरवरी 2018 को चोपन थाने में तहरीर देकर आरोप लगाया था कि 15 फरवरी 2018 को सुबह 11 बजे उनकी 15 वर्षीय बेटी को पप्पू पुत्र रामजियावन निवासी पटवध, बिरनखाड़ी, थाना चोपन बहला-फुसलाकर भगा ले गया।

पाक्सो कोर्ट ने दोषी को सुनाई कैद और जुर्माना

तहरीर के अनुसार जब परिजनों ने पप्पू के पिता रामजियावन से पूछताछ की तो उन्होंने असहयोगपूर्ण रवैया अपनाते हुए मारने की धमकी दी। इसके अगले ही दिन यानी 16 फरवरी को सुबह 10 बजे पीड़िता ने अपने पिता को फोन कर बताया कि वह गोपीगंज में है, लेकिन कॉल बीच में ही कट गया। जब परिजनों ने दोबारा कॉल किया तो पता चला कि लड़की वहीं है और जो उसे लेकर आया था, वह उसे छोड़कर भाग गया।

इस मामले में चोपन पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की और पर्याप्त साक्ष्य एकत्र करने के बाद आरोपी पप्पू और उसकी पत्नी चंपा देवी के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की।

नाबालिग को भगाने के मामले में चंपा देवी को 5 साल की सजा

मामले की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं ने अपने-अपने पक्ष में तर्क रखे। अदालत ने गवाहों के बयान और पत्रावली का गहन परीक्षण करने के बाद चंपा देवी को दोषी करार दिया, जबकि पप्पू को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया गया।

इस मुकदमे में अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकीलों दिनेश प्रसाद अग्रहरि, सत्यप्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह ने पैरवी की। अदालत ने सजा सुनाते हुए यह भी स्पष्ट किया कि दोषी द्वारा जेल में अब तक बिताई गई अवधि को उसकी सजा में समायोजित किया जाएगा।

इस फैसले के बाद पीड़िता के परिजनों ने राहत की सांस ली और न्याय व्यवस्था पर भरोसा जताया। वहीं पुलिस अधिकारियों ने कहा कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी।

Exit mobile version