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Sonbhadra News: दो महीने से अंधेरे में डूबा जोरबा गांव, खराब ट्रांसफार्मर नहीं बदला, ग्रामीणों में गहरा आक्रोश

यूपी के सोनभद्र जनपद में दो महीने से खराब ट्रांसफार्मर बना ग्रामीणों की मुसीबत, अंधेरे में जीने को मजबूर जोरबा गांव के लोग।
Post Published By: सौम्या सिंह
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Sonbhadra News: दो महीने से अंधेरे में डूबा जोरबा गांव, खराब ट्रांसफार्मर नहीं बदला, ग्रामीणों में गहरा आक्रोश

Sonbhadra: आदिवासी बहुल क्षेत्र विकास खंड चोपन के ग्राम पंचायत जुगैल के टोला जोरबा में बिजली संकट ने ग्रामीणों का जीना मुहाल कर दिया है। क्षेत्र में पिछले दो महीनों से ट्रांसफार्मर खराब पड़ा है, जिसके चलते करीब 25 घरों में अंधेरा पसरा हुआ है। बरसात के मौसम में बिजली न होने के कारण ग्रामीणों को जहरीले जानवरों का डर सताता रहता है, जिससे रात में चलना-फिरना तक मुश्किल हो गया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, ग्रामीणों का आरोप है कि उन्होंने कई बार बिजली विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर ट्रांसफार्मर बदलवाने की मांग की, लेकिन विभाग ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। परेशान ग्रामीणों ने आखिरकार आक्रोश जताते हुए जोरदार प्रदर्शन किया और बिजली विभाग के खिलाफ नारेबाजी की।

बिजली के बिना डर के साए में जी रहे ग्रामीण

प्रदर्शन में शामिल समाजसेवी नवाज शरीफ ने कहा, यह ट्रांसफार्मर बीते दो महीनों से खराब पड़ा है। इससे पहले इसी ट्रांसफार्मर से 25 घरों में बिजली की आपूर्ति होती थी। बारिश के इस मौसम में अंधेरे के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है और ग्रामीणों को जहरीले जीव-जंतुओं का खतरा लगातार बना हुआ है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही ट्रांसफार्मर नहीं बदला गया, तो ग्रामीण बड़ा आंदोलन करेंगे।

दो माह से खराब पड़ा ट्रांसफार्मर

ग्रामीण बोले- सरकारी दावे झूठे, जीना हो गया मुश्किल

ग्रामीणों ने यह भी कहा कि सरकार एक ओर तो हर घर बिजली देने के दावे करती है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट है। अधिकारियों की लापरवाही से न सिर्फ सरकार की योजनाएं प्रभावित हो रही हैं, बल्कि उसकी छवि को भी नुकसान पहुंच रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल्द समाधान नहीं किया गया, तो वे जिलाधिकारी कार्यालय तक प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।

प्रदर्शन में दर्जनों ग्रामीण शामिल रहे। सभी ने एक स्वर में ट्रांसफार्मर को जल्द से जल्द बदलने की मांग की। बिजली विभाग की निष्क्रियता और शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन में खामी की वजह से आज भी कई ग्रामीण इलाकों में आधारभूत सुविधाएं लोगों के लिए सिर्फ एक सपना बनी हुई हैं। अब देखना यह है कि बिजली विभाग कब तक जागता है और ग्रामीणों को इस अंधेरे से मुक्ति मिलती है या नहीं।

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