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Shravan and Moharram festival: त्योहारों से पहले बाराबंकी में अलर्ट मोड? शांति समिति की बैठक में क्या हुआ तय

आगामी श्रावण मास एवं मोहर्रम पर्व को ध्यान में रखते हुए आज कलेक्ट्रेट स्थित लोक सभागार में सेंट्रल पीस कमेटी की बैठक जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी अध्यक्षता में की गई।
Post Published By: Poonam Rajput
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Shravan and Moharram festival: त्योहारों से पहले बाराबंकी में अलर्ट मोड? शांति समिति की बैठक में क्या हुआ तय

बाराबंकी: आगामी श्रावण मास एवं मोहर्रम पर्व को ध्यान में रखते हुए आज कलेक्ट्रेट स्थित लोक सभागार में सेंट्रल पीस कमेटी की बैठक जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी अध्यक्षता में की गई। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी अरुण कुमार सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक विकास चंद्र त्रिपाठी, अपर पुलिस अधीक्षक दक्षिणी, सभी उपजिलाधिकारी, नगर निकायों के अधिशासी अधिकारीगण, संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, जनपद के सम्मानित धर्मगुरु, जनप्रतिनिधि, समाजसेवी एवं संभ्रांत नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक,  जिलाधिकारी ने दोनों पर्वों को शांतिपूर्ण, गरिमापूर्ण और सौहार्दपूर्ण वातावरण में सम्पन्न कराने हेतु सभी विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।उन्होंने कहा कि श्रावण मास के दौरान शिवालयों एवं प्रमुख घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है, ऐसे में साफ-सफाई, प्रकाश, पेयजल, शौचालय, ध्वनि विस्तारक यंत्र, सीसीटीवी कैमरे जैसी अन्य व्यवस्थाये समय से सुनिश्चित की जाए।उन्होंने सभी एसडीएम को निर्देशित किया कि अपने-अपने क्षेत्रों में स्थित प्रमुख शिवालयों और घाटों का स्थलीय निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं को बेहतर बनवाएं। भीड़ प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण स्थलों पर बैरिकेटिंग, ड्रोन कैमरों से निगरानी तथा चिकित्सा व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित की जाएं। मोहर्रम पर्व के संदर्भ में जिलाधिकारी ने कहा कि सभी अनुमन्य जुलूस मार्गों की पहले से सफाई करवा ली जाए और मार्गों पर प्रकाश एवं सुरक्षा व्यवस्था सुचारू हो।उन्होंने विशेष रूप से निर्देशित किया कि जुलूसों के दौरान कोई भी नई परंपरा न प्रारंभ की जाए, न ही अनावश्यक एवं उकसावे वाले नारे लगाए जाएं। जुलूस की गरिमा और धार्मिक भावनाओं का पूरा सम्मान हो, इस पर आयोजक विशेष ध्यान दें।जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि जुलूस मार्गों में स्थित घरों की छतों और छज्जों पर भीड़ एकत्र न हो, जिससे किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके।

जिलाधिकारी ने सोशल मीडिया के उपयोग को लेकर उन्होंने विशेष सावधानी बरतने की अपील की। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की भ्रामक, भड़काऊ या धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली पोस्ट, फोटो या वीडियो को सोशल मीडिया पर प्रसारित न किया जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि बाराबंकी जनपद की पहचान इसकी गंगा-जमुनी तहज़ीब और सामाजिक समरसता में निहित है। उन्होंने सभी से अपील की कि दोनों पर्वों को मिल-जुलकर, परंपरा, मर्यादा और परस्पर सम्मान के साथ मनाएं। साथ ही शांति व्यवस्था बनाए रखने में प्रशासन का भरपूर सहयोग करें।

अपर जिलाधिकारी अरुण कुमार सिंह ने कहा कि पर्वों की गरिमा और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सार्वजनिक स्थलों पर किसी प्रकार की नई परंपरा या नियमविरुद्ध गतिविधि की अनुमति नहीं दी जाएगी। उल्लंघन की स्थिति में कठोर कार्रवाई की जाएगी। बैठक में उपस्थित धर्मगुरुओं, समाजसेवियों और जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन को आश्वस्त किया कि वे जनपद में शांति, सौहार्द और परंपरागत भाईचारे की मिसाल को बनाए रखने में पूर्ण सहयोग करेंगे।

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