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फतेहपुर के इस गांव में गूंजी चीखें… कुछ ही मिनटों में छा गया सन्नाटा, जानिए क्या हुआ था?

फतेहपुर जिले के बिंदकी कोतवाली क्षेत्र के नरैचा गांव में शनिवार की सुबह एक दर्दनाक हादसे ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया। खेत की जुताई के दौरान 45 वर्षीय किसान की रोटावेटर मशीन में फंसकर मौत हो गई।
Post Published By: Poonam Rajput
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फतेहपुर के इस गांव में गूंजी चीखें… कुछ ही मिनटों में छा गया सन्नाटा, जानिए क्या हुआ था?

Fatehpur: फतेहपुर जिले के बिंदकी कोतवाली क्षेत्र के नरैचा गांव में शनिवार की सुबह एक दर्दनाक हादसे ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया। खेत की जुताई के दौरान 45 वर्षीय किसान की रोटावेटर मशीन में फंसकर मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही ग्रामीण मौके पर पहुंचे और पुलिस को इसकी जानकारी दी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

खेत की जुताई करते समय हुआ हादसा

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मृतक किसान राजेंद्र पाल पुत्र स्व. राममनोहर पाल शनिवार सुबह खेत की जुताई के लिए ट्रैक्टर और रोटावेटर लेकर अपने खेत पहुंचे थे। जुताई के दौरान अचानक उनका पैर फिसल गया और वे पीछे चल रही रोटावेटर मशीन में जा गिरे। मशीन के तेज धारदार ब्लेडों ने उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया। कुछ ही पलों में उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया।

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 परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

हादसे की खबर फैलते ही आसपास के ग्रामीण मौके पर दौड़े चले आए। उन्होंने रोटावेटर बंद कर शव को बाहर निकाला। सूचना पाकर परिजन भी खेत पर पहुंचे तो उनका रो-रोकर बुरा हाल हो गया। पूरे गांव में मातम का माहौल पसर गया। ग्रामीणों ने बताया कि राजेंद्र मेहनती और मिलनसार स्वभाव के व्यक्ति थे। उनकी असमय मौत से गांव में गहरा शोक है।

पुलिस ने शुरू की जांच

सूचना मिलते ही कोतवाली प्रभारी लान सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने आवश्यक जांच-पड़ताल के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। अधिकारियों का कहना है कि हादसे की जांच की जा रही है और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

ससुराल में रहते थे किसान

मृतक राजेंद्र पाल मूल रूप से पालपुर गांव (नील मजरा), थाना भीतरगांव, कानपुर देहात के निवासी थे। वे अपनी पत्नी सहोदरा और तीन बच्चों के साथ फतेहपुर जिले के नरैचा गांव में अपने ससुराल में रहते थे। रोज की तरह वे सुबह खेत की जुताई के लिए निकले थे, लेकिन कुछ ही देर बाद यह दर्दनाक हादसा हो गया।

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ग्रामीणों ने जताया दुख

ग्रामीणों ने कहा कि राजेंद्र गांव के सबसे मेहनती और ईमानदार किसानों में से एक थे। वे हमेशा दूसरों की मदद के लिए तैयार रहते थे। उनकी मौत से न केवल परिवार बल्कि पूरा गांव स्तब्ध है। लोग इस घटना को खेती के काम में बरती जाने वाली सावधानी की कमी का परिणाम बता रहे हैं।

इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि खेती में उपयोग होने वाली भारी मशीनों के संचालन के दौरान सुरक्षा नियमों का पालन कितना आवश्यक है, क्योंकि एक छोटी-सी चूक भी किसी की जिंदगी छीन सकती है।

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