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डीजल की जगह पानी भरने से बंद हुई स्कॉर्पियो, पेट्रोल पंप की लापरवाही पर उठे कई सवाल

जनपद के सदर कोतवाली क्षेत्र से एक बेहद चौंकाने और चिंताजनक घटना सामने आई है, जिसने पेट्रोल पंपों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: Rohit Goyal
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डीजल की जगह पानी भरने से बंद हुई स्कॉर्पियो, पेट्रोल पंप की लापरवाही पर उठे कई सवाल

महराजगंज: जनपद के सदर कोतवाली क्षेत्र से एक बेहद चौंकाने और चिंताजनक घटना सामने आई है, जिसने पेट्रोल पंपों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बुधवार की दोपहर करीब 1 बजे पुलिस लाइन के सामने स्थित विजय फिलिंग स्टेशन से एक ग्राहक को भारी नुकसान उठाना पड़ा, जब डीजल की जगह पानी भर दिए जाने के कारण उसकी स्कॉर्पियो गाड़ी महज 10 कदम चलते ही बंद हो गई।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार ग्राहक अंकित ने अपनी स्कॉर्पियो में 510 रुपये का डीजल भरवाया। लेकिन डीजल भरवाने के बाद गाड़ी आगे बढ़ने से पहले ही बंद हो गई। बार-बार स्टार्ट करने की कोशिश के बावजूद इंजन ने काम करना बंद कर दिया। हैरान-परेशान ग्राहक को जब गाड़ी के मीटर बॉक्स में पानी का संकेत मिला तो उसे शक हुआ कि डीजल की जगह कुछ और भर दिया गया है। तभी से ग्राहक की गाड़ी पेट्रोल पंप पर ही बंद पड़ी हुई है।

वाहन स्वामी ने जब इस घटना की शिकायत पेट्रोल पंप संचालक से की तो उन्होंने मामले को हल्के में लेते हुए कहा कि लोकल मिस्त्री से मरम्मत करा लो। जब ग्राहक ने कंपनी अधिकृत महिंद्रा एजेंसी में गाड़ी बनवाने की बात कही तो संचालक ने स्पष्ट इंकार कर दिया और असहयोगात्मक रवैया अपनाते हुए कहा जो करना है कर लो।

इससे भी चौंकाने वाली बात यह है कि पीड़ित ग्राहक के अनुसार, ऐसी ही परेशानी 3-4 अन्य गाड़ियों के साथ भी हुई। इन सभी गाड़ियों में भी डीजल की जगह पानी भरे जाने की बात सामने आई और उन्हें भी लोकल मिस्त्रियों से मरम्मत करवाने की बात कहकर रवाना कर दिया गया।

इस घटना ने जिला प्रशासन और तेल कंपनियों की निगरानी व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा दिया है। यदि ईंधन की गुणवत्ता की नियमित जांच नहीं की जाती, तो ऐसे हादसे किसी बड़े नुकसान का कारण बन सकते हैं।

अब सवाल यह उठता है कि क्या पेट्रोल पंप लापरवाही के अड्डे बनते जा रहे हैं? क्या आम जनता के वाहनों और जीवन से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई होगी? यह मामला न केवल उपभोक्ता अधिकारों का हनन है, बल्कि प्रशासन की नींद तोड़ने वाली चेतावनी भी है। जनहित में आवश्यक है कि तत्काल जांच कर दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाए, जिससे भविष्य में ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति न हो।

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