संभल: शासन के निर्देश पर संभल नगर में सौंदर्यीकरण का कार्य तेजी से जारी है। शहर के प्रमुख चौराहों से अतिक्रमण हटाया जा रहा है और उन स्थानों पर महापुरुषों की मूर्तियां लगाए जाने की योजना बनाई गई है। लेकिन इस योजना को लेकर समाजवादी पार्टी (SP) के वरिष्ठ विधायक इकबाल महमूद ने आपत्ति जताई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इकबाल महमूद ने अधिकारियों को एक पत्र भेजते हुए सुप्रीम कोर्ट के 2013 के आदेश का हवाला दिया है, जिसमें सार्वजनिक स्थलों पर मूर्तियां न लगाए जाने का निर्देश दिया गया था। विधायक ने प्रशासन से मांग की है कि जब तक इस आदेश को लेकर कोई स्पष्टता नहीं आती, तब तक संभल शहर में प्रस्तावित मूर्तियों की स्थापना न की जाए, ताकि उच्चतम न्यायालय के आदेश की अवहेलना न हो और अधिकारियों को बाद में किसी प्रकार की जवाबदेही का सामना न करना पड़े।
कोर्ट के निर्देशों का हो पालन
उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी आपत्ति महापुरुषों के प्रति नहीं है और वे व्यक्तिगत रूप से मूर्तियों के खिलाफ नहीं हैं लेकिन वे यह चाहते हैं कि कोई भी सरकारी कार्य सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विरुद्ध न हो। उन्होंने कहा, “मैं मूर्तियों के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन कोर्ट के निर्देशों का पालन हर स्थिति में किया जाना चाहिए।”
कानूनी पहलुओं पर करें गौर
विधायक ने बताया कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति संबंधित अधिकारियों को भेज दी है, ताकि वे स्थिति को समझ सकें और कोई भी फैसला लेने से पहले कानूनी पहलुओं पर गौर कर सकें। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार पहले भी इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जा चुकी है, इसलिए प्रशासन को फूंक-फूंक कर कदम रखना चाहिए।
युवाओं में प्रेरणा का संचार
संभल नगर में चल रही सौंदर्यीकरण योजना का उद्देश्य शहर को स्वच्छ और व्यवस्थित बनाना है। इसके अंतर्गत शहर के मुख्य चौराहों पर महापुरुषों की मूर्तियां लगाने की योजना है, जिससे युवाओं में प्रेरणा का संचार हो सके। लेकिन अब इस पर विवाद खड़ा हो गया है।
संबंधित दस्तावेजों का हो रहा परीक्षण
विवाद के चलते अब अधिकारियों के लिए यह एक दुविधाजनक स्थिति बन गई है कि वे जनभावनाओं और शासन के निर्देशों के बीच संतुलन कैसे बनाए रखें। फिलहाल प्रशासन ने विधायक की आपत्ति पर विचार करने की बात कही है और संबंधित दस्तावेजों का परीक्षण किया जा रहा है।

