इटावा: मौसम ने अचानक गुरुवार को करवट ली और झमाझम बारिश ने भीषण गर्मी से जूझ रहे लोगों को राहत दी। लंबे समय से तपती धूप और उमस झेल रहे लोगों के लिए यह बारिश किसी संजीवनी से कम नहीं रही।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, राहत की यह बारिश कुछ ही देर में मुसीबत में बदल गई, जब शहर के कई हिस्सों में जलभराव की गंभीर समस्या सामने आ गई।
गर्मी से मिली राहत
इटावा में दोपहर के बाद अचानक आसमान में काले बादल घिर आए और कुछ ही देर में तेज बारिश शुरू हो गई। तापमान में गिरावट दर्ज की गई और लोगों ने राहत की सांस ली। पिछले कई दिनों से चल रही गर्म हवाओं और उमस से परेशान लोगों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई।
जिला अस्पताल बना तालाब
बारिश के बाद सबसे भयावह दृश्य जिला अस्पताल परिसर में देखने को मिला। पूरा परिसर जलमग्न हो गया और मरीजों को अस्पताल में प्रवेश करने के लिए पानी में चलना पड़ा। तीमारदारों ने बताया कि यह समस्या हर बार भारी बारिश में देखने को मिलती है, लेकिन नगर प्रशासन इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं करता।
अंडरपास में भरा पानी
इटावा-मैनपुरी मार्ग पर स्थित अंडरपास भी जलभराव का शिकार बना। भारी बारिश के चलते अंडरपास में इतना पानी भर गया कि वाहनों की आवाजाही पूरी तरह रोकनी पड़ी। प्रशासन को दोनों ओर के रास्तों को बंद करना पड़ा। जिससे लोगों को लंबा रास्ता तय करना पड़ा और आवाजाही में भारी असुविधा हुई।
सड़कों पर भरा पानी
शहर के अन्य इलाकों जैसे सिविल लाइन, फ्रेंड्स कॉलोनी, भगवान टॉकीज और बस स्टैंड के आसपास भी जलभराव की स्थिति बनी रही। पैदल चलने वालों को कीचड़ और गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ा। कई जगहों पर लोग फिसलते भी देखे गए। जिससे चोटिल होने का खतरा बढ़ गया।
नगर पालिका पर लापरवाही का आरोप
स्थानीय नागरिकों ने नगर पालिका प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया। लोगों का कहना है कि हर बार बारिश में यही स्थिति बनती है, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं किया जाता। नागरिकों ने जल निकासी की समुचित व्यवस्था और नियमित सफाई अभियान चलाने की मांग की।
प्रशासन से की गई समाधान की अपील
शहरवासियों ने प्रशासन से अपील की है कि जलभराव से निपटने के लिए स्थायी उपाय किए जाएं ताकि बारिश राहत के साथ-साथ आफत न बने। अब देखना यह है कि प्रशासन इस बार चेतता है या फिर अगली बारिश में फिर वही हालात दोहराए जाते हैं।

