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Prayagraj News: कुंभ मेला में लाखों रूपये किए गए जारी, जानें पूरी खबर

विधानसभा के पटल पर मंगलवार को रखी जाने वाली भारत सरकार लेखा महानियंत्रक की साल के दौरान 2017 से 2021 की रिपोर्ट के दौरान कुंभ मेला 2019 के कचरा अभियान के तहत अनियमितताएं मिली हुई हैं।
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Prayagraj News: कुंभ मेला में लाखों रूपये किए गए जारी, जानें पूरी खबर

Prayagraj News : विधानसभा के पटल पर मंगलवार को रखी जाने वाली भारत सरकार लेखा महानियंत्रक की साल के दौरान 2017 से 2021 की रिपोर्ट के दौरान कुंभ मेला 2019 के कचरा अभियान के तहत अनियमितताएं मिली हुई हैं। वहीं इस दौरान एक फर्म को बिना ही अनुबंध करने के साथ 95.28 रूपये तक जारी किए जा चुके हैं। इसके अलावा फर्म को देने वाले 15 लाख रूपये की वसूली भी नहीं की गई है। हालांकि इस दौरान वसूली का प्रयास पूरी तरह से किया जा रहा है।

अनुबंध किए जाने को लेकर प्रस्ताव

सीएजी द्वारा मिली रिपोर्ट के मुताबिक 15 जनवरी 2019 से लेकर चार मार्च 2019 के दौरान ही कुंभ मेले का आयोजन किया गया था। इसमें देखा जाए तो 10 हजार अपशिष्ट का निपटारा करने को लेकर मेसर्स हरी भरी रिसाइक्लिंग प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से अनुबंध किए जाने को लेकर प्रस्ताव शामिल किया गया है। वहीं 2019 के दौरान ही 95 लाख रूपये से अधिक ही जारी किया जा चुका है।

ऋण के रूप में फर्म को 15 लाख रुपये

खाद की पैकिंग के लिए ऋण के रूप में फर्म को 15 लाख रुपये दिया जा चुका है। इस मामले में राज्य सरकार ने मई 2020 में बताया जा चुका है कि कुंभ मेला में निकले अपशिष्ट के प्रसंस्करण होने के साथ ही 1,345 मीट्रिक टन खाद का उत्पादन किया जा चुका है।

15.10 लाख रुपये की कीमत के साथ ही बेचा

इसमें से 604 मीट्रिक टन खाद को फर्म ने 15.10 लाख रुपये की कीमत के साथ ही बेचा गया था। इसके बावजूद जून 2023 तक ये राशि वसूली नहीं की जा चुकी है। हालांकि सरकार ने जून 2023 में जानकारी दिया है कि फर्म को पत्र लिखा गया है, धनराशि जल्द ही वापस लेने की भी प्रक्रिया शामिल है।

प्रदर्शन को लेकर कई तरह के सवाल

सीएजी की रिपोर्ट में मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश में खेल सुविधाओं और खिलाड़ियों के प्रदर्शन को लेकर कई तरह के सवाल उठाए गए हैं। वहीं साल 2016 से 2022 को लेकर प्रदेश में खेल को लेकर खर्च होने वाले अरबों रूपये के बावजूद ही सुविधाओं का सही इस्तेमाल नहीं किया गया है।

2007 में जहां यूपी के खिलाड़ियों ने 77 पदक जीतने में उपलब्धि हासिल की थी, वहीं 2022 में यह संख्या कम होने के बाद ही 56 पर पहुंच गई थी। सबसे बड़ा मामला सैफई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम से बताया जा रहा है जिसको जून 2020 के दौरान 347 करोड़ रूपये लगाने के बाद तैयार किया जा चुका है। निर्माण के दो साल होने के साथ ही यहां कोई राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच नहीं खेला जा चुका है।

 

 

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