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Pahalgam Terror Attack: संभल में काली पट्टी बांध कर की अदा की जुम्मे की नमाज, जानें क्या है वजह

संभल में नमाजियों ने किया आतंकवादियों के खिलाफ किया प्रदर्शन, काली पट्टी बांध कर जताया विरोध। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज की रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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Pahalgam Terror Attack:  संभल में काली पट्टी बांध कर की अदा की जुम्मे की नमाज, जानें क्या है वजह

संभल:  एक अनोखी घटना सामने आई है जहां शुक्रवार यानी आज कई मस्जिदों में जुम्मे अदा करने पहुंचे नमाजीयों ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के विरोध में काली पट्टी बांधकर विरोध जताया।

डाइमामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार, संभल की शाही जामा मस्जिद में नमाजियों ने पोस्टर लेकर पाकिस्तान और आतंकवादियों के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा, “आतंकवादियों और उनके आकाओं को सबक सिखाने का यह सही समय है। मेरी सरकार से गुजारिश है कि इन आतंकवादियों को ऐसा सबक मिले कि नस्ले भी याद रखें।

पहलगाम में हुए आतंकवाद का जताया विरोध

कश्मीर के पहलगाम शहर के बैसरन में मंगलवार को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गयी थी, जिसमें से अधिकतर पर्यटक थे। संभल की शाही जामा मस्जिद में नमाज पढ़ कर निकले साकिर हुसैन ने कहा, जिन निहत्थे लोगों के साथ यह जुल्म हुआ और हमारी बहनों का सुहाग उजाड़ दिया गया, बेहद ही दुखद घटना है।

पाकिस्तान से सारे समझौते रद्द

वहीं सईद अख्तर इसराइली ने कहा, भारत को पाकिस्तान से सारे समझौते रद्द करने चाहिए और जहां-जहां आतंकवादियों के शिविर हैं उन्हें नष्ट कर देना चाहिए।” अख्तर ने कहा, “हमले में मारे गये निहत्थे लोगों के लिए मस्जिद में हम लोगों ने दुआ की। यह पूरी इंसानियत का कत्ल है और इस दुख की घड़ी में हम उन परिवारजनों के साथ हैं।”

किया पाकिस्तान का विरोध

वहीं चंदौसी की तकिए वाली मस्जिद में नमाज पढ़ने के बाद शाह आलम मंसूरी ने कहा कि पाकिस्तान लगातार भारत में आतंकवाद करके निर्दोष लोगों की जान ले रहा है लेकिन अबकी बार आर पार से कम बात नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “आज हमने काली पट्टी बांध कर आतंकवाद का विरोध किया है। आज देश का हर मुसलमान आतंकवाद के खिलाफ देश के साथ खड़ा है।

पहले भी कर चुके ऐसे विरोध

इससे पहले भी औलियाओं ने काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराने का फरमान जारी किया था। इसे मानते हुए सैकड़ों लोग जुमा की नमाज में इसी अंदाज में शामिल हुए। नमाजी जामिर अली हसन ने कहा, वक्फ मुसलमानों की मिल्कियत है। सरकार इसे जबरन कब्जे में लेना चाहती है। यह नाइंसाफी है। उन्होंने चेतावनी दी कि मुस्लिम समाज सड़क से संसद तक संघर्ष करेगा।

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