मेरठ: जनपद में गुरुवार की दोपहर उस वक्त हंगामा मच गया, जब कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र के खिर्वा रोड स्थित अमोलिक कॉलोनी का ध्वस्तीकरण कराने के लिए पहुंची एमडीए विभाग की जोनल अधिकारी निकिता सिंह, एडीए विभाग के अन्य अधिकारी और कई थाने की पुलिस टीम को लेकर पहुंची।
कॉलोनी में एमडीए की टीम के पहुंचने के दौरान कालोनी की सभी महिलाएं और पुरुष कालोनी की सड़क पर इकठ्ठा होकर खड़े हो गए। कालोनी की महिलाओं एमडीए टीम के आगे इकट्ठा होकर खड़ी हो गई और एमडीए विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार कॉलोनी की महिलाओं को कहना था कि उनकी कॉलोनी काफी साल पुरानी है इस कॉलोनी में आर्मी और पुलिस विभाग के लोग रहते हैं उनके पति बाहर ड्यूटी पर तैनात है। हमने लोन लेकर अपने-अपने मकान बनाए है आप कैसे हमारी कॉलोनी पर ध्वस्तीकरण नहीं कर सकते।
आप पहले कच्ची कॉलोनी की रजिस्ट्री बंद कर दीजिए रजिस्ट्री बंद होने के बाद ही कच्ची कॉलोनी कटनी खुदी बंद हो जाएगी आप यह क्यों नहीं करते हो। कॉलोनी और एमडीए विभाग के अधिकारियों के बीच जमकर नोकझोंक करीब 2 घंटे तक होती रही हंगामा के दौरान कॉलोनी के रहने वाले विपिन और एक अन्य फौजी की पत्नी गर्मी के कारण बेहोश होकर गिर गई। लेकिन उसके बाद भी कॉलोनी की महिलाएं इकट्ठा होकर एमडी ऐ टीम का विरोध करती रही विरोध के दौरान एमडीए के लोग टीम को लेकर वापस चले गए।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार प्रशासन को लोगों के जबरदस्त विरोध के चलते वापस लौटना पड़ा लेकिन ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब यहां मकान बनाए जा रहे थे तभी प्रशासन की तरफ से कार्रवाई क्यों नही की गई, तब यह अधिकारी और सरकार दोनों कहा सो रहे थे, बसी हुए घरों की उजाड़ने की यह कार्रवाई किस हद तक जायज है, इसका फैसला हम आप पर छोड़ते हैं।

