खजनी तहसील के अंतर्गत नगर पंचायत उनवल में पीडब्ल्यूडी द्वारा बनाए जा रहे नाली निर्माण कार्य पर अब गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। खजनी–बांसगांव मार्ग चौड़ीकरण के बाद टेकवार चौराहे के पास जारी इस निर्माण को लेकर स्थानीय व्यापारी और निवासी खुलकर नाराजगी जता रहे हैं।

नाली निर्माण की गुणवत्ता पर उठे गंभीर सवाल
Gorakhpur: खजनी तहसील के अंतर्गत नगर पंचायत उनवल में पीडब्ल्यूडी द्वारा बनाए जा रहे नाली निर्माण कार्य पर अब गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। खजनी–बांसगांव मार्ग चौड़ीकरण के बाद टेकवार चौराहे के पास जारी इस निर्माण को लेकर स्थानीय व्यापारी और निवासी खुलकर नाराजगी जता रहे हैं। लोगों का आरोप है कि नाली निर्माण निर्धारित मानकों के विपरीत किया जा रहा है, जिससे आगामी बरसात में जलभराव और गंदगी की बड़ी समस्या पैदा हो सकती है।
स्थानीय व्यापारियों के अनुसार, निर्माणाधीन नाली की गहराई मात्र 60 सेंटीमीटर, चौड़ाई 40 सेंटीमीटर और दीवार की मोटाई केवल 3 इंच रखी गई है, जो मानकों से काफी कम है। उनका कहना है कि यह माप नाली को बेहद कमजोर बना देगा और थोड़ा सा दबाव पड़ते ही इसके ध्वस्त होने की आशंका है। निवासियों का दावा है कि नाली की डिज़ाइन ऐसा प्रतीत होती है मानो केवल औपचारिकता निभाई जा रही हो, जबकि क्षेत्र में जल निकासी की समस्या पहले से ही गंभीर बनी हुई है।
स्थानीय व्यापारियों ने निर्माण में इस्तेमाल हो रही सामग्री पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि नाली निर्माण में घटिया गिट्टी, कमजोर रेत और निम्न गुणवत्ता वाले सीमेंट का उपयोग किया जा रहा है। साथ ही, मिश्रण का अनुपात भी निर्धारित तकनीकी मानकों के अनुरूप नहीं रखा जा रहा है, जिससे नाली की मजबूती पर गंभीर संदेह बना हुआ है। राजन तिवारी, राममणि त्रिपाठी, कौशल कुमार, रमेश कुमार गौड़ और घनश्याम सहित कई व्यापारियों ने बताया कि शिकायतों के बावजूद निर्माण में सुधार नहीं किया गया।
व्यापारियों और स्थानीय निवासियों ने आशंका जताई कि इतनी संकरी और कमजोर नाली बरसात का पानी संभाल ही नहीं पाएगी। इससे टेकवार चौराहे पर जलजमाव, दुर्गंध और आवागमन में बाधा जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। लोगों ने चेतावनी दी कि यदि समय रहते गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह निर्माण आने वाले समय में क्षेत्र की बड़ी परेशानी बन सकता है।
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स्थानीय नागरिकों ने संबंधित अधिकारियों से निर्माण स्थल की तत्काल उच्चस्तरीय जांच कराने, उपयोग की जा रही सामग्री का परीक्षण करने और निर्धारित मानकों के अनुसार नाली के पुनर्निर्माण की मांग की है। वहीं, पीडब्ल्यूडी के जिम्मेदार अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनका पक्ष नहीं मिल सका।