रामपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने दो पासपोर्ट मामले में पूर्व विधायक अब्दुल्ला आज़म को 7 साल की सजा और 50,000 रुपये का जुर्माना सुनाया है। भाजपा विधायक आकाश सक्सेना की शिकायत पर दर्ज मामले में उन्हें दोषी पाया गया।

अब्दुल्ला आज़म
Rampur: रामपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने दो पासपोर्ट मामले में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खान के बेटे और पूर्व विधायक अब्दुल्ला आज़म को सात वर्ष की कठोर सजा सुनाई है। अदालत ने इसके साथ ही उन पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। शुक्रवार को फैसला सुनाए जाने के दौरान कोर्ट परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए थे, ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो।
यह मामला भाजपा विधायक आकाश सक्सेना की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत से शुरू हुआ था। उन्होंने आरोप लगाया था कि अब्दुल्ला आज़म ने दो अलग-अलग जन्मतिथियां दर्शाकर दो पासपोर्ट बनवाए थे। जांच के दौरान यह पाया गया कि अब्दुल्ला आज़म ने कम उम्र दिखाने के लिए अलग जन्मतिथि का इस्तेमाल किया। पुराने दस्तावेजों में एक जन्मतिथि और पासपोर्ट के लिए दूसरी तारीख दी गई। पुलिस और पासपोर्ट विभाग की जांच में दस्तावेजों में असत्य सूचनाएं साबित हुईं।
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अब्दुल्ला आज़म पहले भी कई मामलों में फंस चुके हैं, लेकिन इस बार मामला पासपोर्ट से जुड़ा होने के कारण केंद्र और राज्य दोनों स्तर पर संवेदनशील माना गया। इस सजा ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है।
न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा कि पासपोर्ट जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज में गलत जानकारी देना गंभीर अपराध है। एक विधायक पद पर रहे व्यक्ति का ऐसा कदम जनता के विश्वास को ठेस पहुंचाता है। यह अपराध साधारण भूल नहीं, बल्कि सुनियोजित गलत जानकारी देने का प्रयास था। कोर्ट ने इसलिए सात वर्ष की कठोर सजा और आर्थिक दंड दोनों निर्धारित किए।
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अब्दुल्ला आज़म के वकीलों ने कहा कि वे इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देंगे। उनका तर्क है कि जन्मतिथि को लेकर तकनीकी भ्रम था। कार्रवाई राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है। हालांकि, फैसले के बाद अब हाई कोर्ट से राहत मिलने तक अब्दुल्ला को जेल में ही रहना पड़ सकता है।