Kasganj: उत्तर प्रदेश के कासगंज जनपद में वर्ष 2018 को गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित तिरंगा यात्रा के दौरान हुए बहुचर्चित चंदन गुप्ता हत्याकांड के मुख्य आरोपी सलीम की लखनऊ जेल में मौत हो गई है। जेल प्रशासन के अनुसार, तबीयत खराब होने पर सलीम को इलाज के लिए किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में भर्ती कराया गया था, जहां देर रात उसने दम तोड़ दिया।
जानें पूरा मामला
यह मामला उस समय चर्चा में आया था जब 26 जनवरी 2018 को चंदन गुप्ता ने अपने साथियों के साथ तिरंगा यात्रा का आयोजन किया था। यात्रा जब एक विशेष समुदाय के इलाके से गुज़री, तो उस पर अचानक पथराव हुआ। इस हमले में चंदन गुप्ता को गोली मार दी गई, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। घटना के बाद पूरे कासगंज शहर में हिंसा भड़क उठी थी।
कानून-व्यवस्था की स्थिति इतनी बिगड़ गई थी कि कई प्रतिष्ठानों को आग के हवाले कर दिया गया था। तीन दिनों तक कर्फ्यू जैसे हालात बने रहे। चौराहों और गलियों में पुलिस और अर्धसैनिक बलों की भारी तैनाती करनी पड़ी थी। उस समय राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार थी।
एनआईए कोर्ट में हुई थी सुनवाई
हत्याकांड के बाद एनआईए कोर्ट, लखनऊ में मामले की सुनवाई हुई, जिसमें 28 लोगों को आरोपी बनाया गया। इनमें से मुख्य आरोपी सलीम, उसके भाई वसीम और नसीम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। अब तक चार आरोपी सुप्रीम कोर्ट से जमानत पर बाहर आ चुके हैं। सलीम की मौत की खबर सामने आते ही सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर इस मामले की चर्चा तेज हो गई है।
सालों बाद भी नहीं पूरे हुए वादे
गौरतलब है कि इस हत्याकांड के बाद चंदन के अंतिम संस्कार में कई भाजपा नेता पहुंचे थे और परिवार को सहायता देने के वादे किए थे। लेकिन चंदन की प्रतिमा का अनावरण आज तक नहीं हो पाया है, जो नगर के चौक पर आठ वर्षों से इंतजार में खड़ी है। सलीम की मौत की खबर सामने आते ही उसके परिवार में शोक की लहर दौड़ गई है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस गंभीर मुद्दे को भी राजनीतिक स्वार्थ के चलते नजरअंदाज किया गया। वहीं सलीम की मौत को लेकर अब जेल प्रशासन और चिकित्सा रिपोर्ट की जांच भी हो सकती है।

