फरेंदा कस्बे में फॉरेस्ट रोड पर अवैध निर्माण के चलते स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश पैदा हो गया है। आरोप है कि स्वीकृत नक्शे के विपरीत भवन का छज्जा सड़क पर बढ़ाया जा रहा है, जिससे प्रमुख मार्ग अवरुद्ध होने का खतरा है। शिकायतों के बावजूद प्रशासन की चुप्पी और कार्रवाई न होने से ग्रामीणों में नाराजगी बढ़ती जा रही है।

अवैध मकान निर्माण से बढ़ा आक्रोश
Maharajganj: फरेंदा कस्बे में सरकारी सड़क पर हो रहे कथित अतिक्रमण को लेकर स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश व्याप्त है। फॉरेस्ट रोड पर चल रहे एक भवन निर्माण के दौरान सड़क की ओर बढ़ाए जा रहे छज्जे ने पूरे क्षेत्र में विवाद खड़ा कर दिया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यह सड़क फरेन्दा-बृजमनगंज मार्ग का मुख्य हिस्सा है और प्रतिदिन सैकड़ों लोगों की आवाजाही का प्रमुख माध्यम है। ऐसे में सड़क पर किसी भी तरह का अवैध अतिक्रमण स्थानीय लोगों के लिए गंभीर समस्या बन सकता है।
मामले के अनुसार, अम्बेडकर तिराहा निवासी लक्ष्मी वर्मा, पत्नी अजय कुमार वर्मा द्वारा इस मार्ग के किनारे भवन निर्माण कराया जा रहा है। स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि निर्माण कार्य स्वीकृत नक्शे के विपरीत किया जा रहा है और सड़क की सरकारी भूमि पर अतिक्रमण का प्रयास हो रहा है। इसके साथ ही यह भी शिकायत की गई है कि नक्शा स्वीकृति के दौरान कई महत्वपूर्ण तथ्यों को छिपाया गया था, ताकि निर्माण की मंजूरी आसानी से मिल सके।
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स्थानीय निवासी राहुल सिंह, जयंत कुमार सिंह व अन्य लोगों ने बताया कि जिस स्थान पर छज्जा बढ़ाया जा रहा है, वह फॉरेस्ट रोड से महदेवा बुजुर्ग व आसपास के कई गांवों को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है। अगर निर्माण के दौरान सड़क पर छज्जा निकाल दिया गया तो आने-जाने वाले लोगों के लिए रास्ता काफी संकरा हो जाएगा, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका और बढ़ सकती है। यह मार्ग स्कूल जाने वाली बच्चों, कामकाजी लोगों, वाहनों और एम्बुलेंस जैसी आवश्यक सेवाओं के आवागमन के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने इसकी शिकायत कई बार जिम्मेदार अधिकारियों से की है, यहां तक कि मामला तहसील दिवस में भी उठाया गया, परंतु अब तक किसी प्रकार की ठोस कार्रवाई नहीं की गई। शिकायतों के बाद भी निर्माणकार्य जारी है, जिससे यह स्पष्ट हो रहा है कि अधिकारी मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। प्रशासन की यही चुप्पी लोगों की नाराजगी को और भड़का रही है।
लोगों का आरोप है कि सड़क पर अवैध रूप से बढ़ रहे छज्जे से सामूहिक जनहित प्रभावित होगा। कई बार अधिकारियों को मौके पर बुलाने के बाद भी वे उदासीन रवैया अपनाए हुए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सरकारी सड़क पर कब्जा किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है, क्योंकि यह आमजन के अधिकारों का खुला उल्लंघन है।
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स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मामले की तत्काल जांच कराकर अवैध निर्माण पर कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग की है। लोगों का कहना है कि यदि समय रहते निर्माण को रोका नहीं गया तो आने वाले समय में स्थिति और गंभीर हो सकती है। ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर प्रशासन ने जल्द हस्तक्षेप नहीं किया तो वे आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।