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महराजगंज महोत्सव में बच्चों की प्रतिभा का धमाकेदार प्रदर्शन, कला-संस्कृति के रंग में रंगा पूरा जनपद

महराजगंज महोत्सव इस बार और भी बड़े, भव्य और सांस्कृतिक रूप में सम्पन्न हुआ। जनपद के 90 विद्यालयों के 3000 बच्चों ने अपनी कला का शानदार प्रदर्शन कर सबका दिल जीत लिया। नृत्य, नाटक, कविता और लोक गायन की प्रस्तुतियों से मंच गूंज उठा।
Post Published By: Nidhi Kushwaha
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महराजगंज महोत्सव में बच्चों की प्रतिभा का धमाकेदार प्रदर्शन, कला-संस्कृति के रंग में रंगा पूरा जनपद

Maharajganj: इस साल का महराजगंज महोत्सव पहले से अधिक भव्य, सुसंस्कृत और नव्य स्वरूप में सम्पन्न हुआ। तीन दिवसीय इस आयोजन में कला, संस्कृति और नई प्रतिभाओं का शानदार संगम देखने को मिला। विशेष बात यह रही कि इस बार महोत्सव के मंच पर जनपद के माध्यमिक, बेसिक और प्राइवेट विद्यालयों के विद्यार्थियों ने अपने प्रदर्शन से सबका मन मोह लिया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस महोत्सव में कुल 90 विद्यालयों के लगभग 3000 बच्चों ने विभिन्न प्रतियोगिताओं की स्क्रीनिंग में भाग लिया, जिनमें से 2200 बच्चों को मंच पर प्रस्तुति का अवसर मिला। समूह और एकल नृत्य की श्रेणी में कुल 1200 बच्चों ने भाग लिया। इसमें पहले दिन 30 विद्यालयों के 380 बच्चों, दूसरे दिन 28 विद्यालयों के 450 बच्चों और तीसरे दिन 31 विद्यालयों के 400 बच्चों ने शानदार प्रस्तुतियां दीं।

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सभी प्रतिभागियों का हुआ सम्मान

सभी प्रतिभागियों को जिलाधिकारी महोदय और मुख्य विकास अधिकारी महोदय द्वारा मेडल और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। पूरे कार्यक्रम के संयोजन में बेसिक और माध्यमिक विभाग की टीम का योगदान सराहनीय रहा। बच्चों को समय से मंच तक लाने और प्रस्तुति सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी आदित्य गुप्ता, सुधाकर रौनियार, अंगद यादव, नीरज मौर्य, पारोमिता विश्वास, मोनिका शर्मा, अविनाश मिश्र और देवेश पाण्डेय ने शानदार ढंग से निभाई। इस महोत्सव का समन्वय पंकज कुमार मौर्य ने किया, जबकि मंच संचालन अरविंद जायसवाल और शिरोमणि दुबे ने किया।

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नाट्य मंच के कलाकारों ने छोड़ी छाप

स्थानीय कला का जादू भी इस बार मंच पर खूब छाया रहा। स्थानीय नाट्य मंच के कलाकारों ने “भाव के भूखे राम” नाटक का ऐसा जीवंत मंचन किया कि दर्शकों की आंखें नम हो गईं। वहीं “वनटांगिया- एक जीवन संघर्ष और विकास यात्रा” नाटक ने समाज के संघर्ष और विकास की प्रेरक कहानी पेश की। इन नाटकों का निर्देशन पंकज कुमार मौर्य ने किया और सह संयोजन देवेश पाण्डेय व राकेश सिंह ने किया।

कविता पाठ सत्र में दिव्यांशु पांडेय, नवीन शुक्ला, तशरीफ, आशुतोष मिश्र, दयानंद त्रिपाठी, राजेश स्वर्णकार और धीरज वर्मा ने अपनी रचनाओं से लोगों को बांधे रखा। लोक संगीत की प्रस्तुतियों में राजाराम भारती, ओमप्रकाश यादव, श्याम करन यादव, विनोद मिश्र, सत्यप्रकाश, हर्षित कुमार और आनंदमय श्रीवास्तव की गायकी ने वातावरण को लोकधुनों से सराबोर कर दिया।

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