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महराजगंज: भ्रष्टाचार से तंग ग्राम प्रधान ने सौंपा इस्तीफा, फर्जी हस्ताक्षर से लाखों के गबन का आरोप, जानिये पूरा मामला

भ्रष्टाचार के जंजाल में फंसे एक ग्राम प्रधान के इस्तीफे ने कई लोगों को कटघरे में खड़ा कर दिया है। मामला फर्जी हस्ताक्षर से लाखों के गबन का है। आखिर क्या है पूरी कहानी पढ़ें ये रिपोर्ट
Post Published By: Subhash Raturi
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महराजगंज: भ्रष्टाचार से तंग ग्राम प्रधान ने सौंपा इस्तीफा, फर्जी हस्ताक्षर से लाखों के गबन का आरोप, जानिये पूरा मामला

महराजगंज: जिले के धानी ब्लॉक के ग्राम सभा सिकंदरा जीतपुर में महिला ग्राम प्रधान ने कथित तौर पर भ्रष्टाचार से तंग आकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। प्रधान ने सचिव हेमंत त्रिपाठी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उसकी गैर मौजूदगी में फर्जी हस्ताक्षर बनाकर लाखों रुपये की निकासी की गई है।

ग्राम प्रधान द्वारा दिया गया इस्तीफा अब सुर्खियों में है। ग्राम प्रधान ने सचिव हेमंत त्रिपाठी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उसकी गैर मौजूदगी में गांव में कार्य दिखाकर फर्जी हस्ताक्षर के जरिए लाखों रुपये की निकासी की गई है।

प्रधान का कहना है कि वह अधिक पढ़ी-लिखी नहीं है और इसी कमजोरी का फायदा उठाकर सचिव और कुछ ब्लॉक अधिकारियों ने मिलकर उसके नाम से कई योजनाओं के धन का दुरुपयोग किया। ग्राम प्रधान ने कहा कि जब उसने अपने हस्ताक्षर और भुगतान के अभिलेख मांगे, तो उसे गुमराह किया गया। जांच के दौरान उसने पाया कि कई कार्यों में उसके नकली हस्ताक्षर का इस्तेमाल किया गया है।

प्रधान का आरोप है कि सचिव हेमंत त्रिपाठी ने अधिकारियों की मिलीभगत से पंचायत के खातों से लाखों रुपये का गबन किया है। “मैं अब इन भ्रष्टाचारियों की ढाल नहीं बनूंगी,” कहते हुए ग्राम प्रधान ने अपना इस्तीफा दे दिया।

ग्राम प्रधान का कहना है कि पंचायत के विकास कार्य केवल कागजों पर दिखाए गए हैं, जबकि वास्तविकता में अधिकांश कार्य अधूरे या नदारद हैं। इस तरह से जनता के पैसे का गलत इस्तेमाल कर सरकारी योजनाओं को लूटा जा रहा है।

इस्तीफे के बाद गांव में हड़कंप मच गया है। ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम प्रधान ने जो सच उजागर किया है, उसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि सचिव और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जाए।

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