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महराजगंज: DM और SP उतरे सड़कों पर, अकीदत और अमन के साथ अदा की गई बकरीद की नमाज, ड्रोन से निगरानी

जनपद में शांति व्यस्था के साथ बकरीद की नमाज पढ़ी गई है। जानिए डाइनामाइट न्यूज पर पूरी खबर
Post Published By: Rohit Goyal
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महराजगंज: DM और SP उतरे सड़कों पर, अकीदत और अमन के साथ अदा की गई बकरीद की नमाज, ड्रोन से निगरानी

महराजगंज: जिले में इस वर्ष बकरीद का पर्व पूरी अकीदत, भाईचारे और शांतिपूर्ण माहौल में मनाया गया। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने सुबह ईदगाहों और मस्जिदों में बड़ी संख्या में नमाज अदा की। शहर के मुख्य ईदगाह, जो बस स्टेशन के पीछे स्थित है, वहां सुबह 7:30 बजे नमाज अदा की गई, जिसमें हजारों की संख्या में लोगों ने शिरकत कर देश और समाज की सलामती की दुआ मांगी।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार बकरीद के मौके पर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। संपूर्ण जनपद को चार जोन में बांटा गया था, जिसमें मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। निचलौल, सोनौली, परतावल, फरेंदा, सिसवा, नटवा सहित अन्य संवेदनशील और सीमावर्ती इलाकों में विशेष निगरानी रखी गई।

जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा और पुलिस अधीक्षक सोमेंद्र मीणा खुद सड़कों पर उतर कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। और बताया कि पर्व के मद्देनजर विशेष सतर्कता बरती गई। सीमावर्ती इलाकों में ड्रोन कैमरों की मदद से निगरानी की गई, ताकि किसी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि को समय रहते रोका जा सके। पुलिस और प्रशासनिक अमला लगातार भ्रमणशील रहा और हर गतिविधि पर नजर रखी गई।

उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में पहुंचकर सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा की और अधीनस्थ अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उनके साथ सिविल पुलिस, पीएसी व खुफिया एजेंसियों की टीम भी सक्रिय रही।

पूरे जिले में कहीं से भी किसी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली। नमाज अदा करने के बाद लोगों ने एक-दूसरे को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद दी और कुर्बानी की रस्म को भी शांतिपूर्ण ढंग से पूरा किया गया।

प्रशासन ने पर्व के सफल आयोजन में सहयोग देने के लिए जनता का आभार जताया और भविष्य में भी इसी तरह भाईचारे और सौहार्द बनाए रखने की अपील की। बकरीद पर महराजगंज की यह तस्वीर सामाजिक एकता और प्रशासनिक कुशलता का बेहतरीन उदाहरण बनी।

नौतनवां और सोनौली में भी अदा की गई ईद-उल-अजहा की नमाज़

ईदगाहों में अदा की गई ईद-उल-अजहा की नमाज़

नौतनवा तहसील के उप जिला अधिकारी नवीन कुमार, तहसीलदार करण सिंह और डिप्टी एसपी जयप्रकाश त्रिपाठी ने मौके का जायजा लिया। अधिकारियों ने लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया। उन्होंने सभी से त्योहार शांतिपूर्ण तरीके से मनाने की अपील की। प्रशासन की ओर से की गई सुरक्षा व्यवस्था से क्षेत्र में शांति का माहौल बना हुआ है।

क्यों है ईद-उल-अजहा का महत्व

ईद-उल-अजहा की कहानी हज़रत इब्राहीम से जुड़ी है, जिसमें वे अल्लाह के आदेश पर अपने बेटे हज़रत इस्माईल की कुर्बानी देने को तैयार हो गए थे. लेकिन, खुदा ने उन्हें एक जानवर दे दिया. इसलिए, इस दिन एक बकरी, भेड़ या अन्य जानवर की कुर्बानी दी जाती है. बकरीद पर सबसे अहम रस्म होती है ‘कुर्बानी’. इस कुर्बानी के जरिए यह संदेश दिया जाता है कि अल्लाह की राह में कुछ भी कुर्बान करने का जज्बा रखना चाहिए।

जाने क्यों दी जाती हैं कुर्बानी

ईद-उल-अजहा हजरत इब्राहिम की कुर्बानी की याद में मनाया जाता है. इस दिन इस्लाम धर्म के लोग किसी जानवर की कुर्बानी देते हैं. इस्लाम में सिर्फ हलाल के तरीके से कमाए हुए पैसों से ही कुर्बानी जायज मानी जाती है. कुर्बानी का गोश्त अकेले अपने परिवार के लिए नहीं रख सकता है. इसके तीन हिस्से किए जाते हैं. पहला हिस्सा गरीबों के लिए होता है. दूसरा हिस्सा दोस्त और रिश्तेदारों के लिए और तीसरा हिस्सा अपने घर के लिए होता है।

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