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जालौन में आकाशीय बिजली का कहर: इतने मवेशी हुए शिकार, किसान की हालत गंभीर

जिले में आकाशीय बिजली के चपेट में आने से इतने पशुओं की हुई मौत, घटना की पूरी जानकारी के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट
Post Published By: Jaya Pandey
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जालौन में आकाशीय बिजली का कहर: इतने मवेशी हुए शिकार, किसान की हालत गंभीर

उरई: जिले में मौसम ने अचानक करवट ली और तेज बारिश के साथ आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं सामने आईं। इन घटनाओं में कई पालतू पशुओं की जान चली गई, वहीं एक किसान घायल हो गया। किसानों और पशुपालकों के लिए यह दिन भारी नुकसान और चिंता लेकर आया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, जालौन तहसील क्षेत्र के अलग-अलग गांवों में आकाशीय बिजली गिरने से कुल छह बकरियां, दो भैंसें और दो गायें मारी गईं, जबकि चार बकरियां घायल हो गईं। ग्राम प्रतापपुरा निवासी मुन्ना बाबू अपने खेत में बकरियां चरा रहे थे। अचानक मौसम बिगड़ गया और तेज गरज-चमक के साथ बारिश शुरू हो गई। तभी बिजली गिरने से मुन्ना बाबू की छह बकरियां मौके पर ही मर गईं, जबकि चार बकरियां झुलस गईं।

किसान की हालत गंभीर

घटना के समय मुन्ना बाबू खुद भी बिजली के प्रभाव में आ गए और झुलस गए। परिजन उन्हें तुरंत स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) ले गए, जहां प्राथमिक इलाज के बाद उनकी हालत गंभीर देखते हुए उन्हें उच्च चिकित्सा संस्थान रेफर कर दिया गया।

प्राकृतिक आपदा का शिकार

इसके अलावा, गांव हथेरी में जसवंत सिंह सेंगर की दो भैंसें और मड़ोरा में रामवीर सिंह की एक भैंस बिजली की चपेट में आकर मारी गईं। वहीं, क्यामदी गांव के श्रीपाल कुशवाहा की दो गायें भी इस प्राकृतिक आपदा का शिकार हो गईं।

प्रशासन से मुआवजे की मांग

इन घटनाओं से ग्रामीणों में भय और चिंता का माहौल है। लोग पशुधन के नुकसान से आहत हैं और प्रशासन से मुआवजे की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि प्राकृतिक आपदाएं लगातार बढ़ रही हैं, ऐसे में शासन को पशुपालकों की सुरक्षा और मुआवजे को लेकर स्पष्ट नीति बनानी चाहिए।

पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता

फिलहाल स्थानीय प्रशासन द्वारा नुकसान का आंकलन किया जा रहा है और संबंधित विभाग को सूचना भेज दी गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता दी जाएगी। यह घटना एक बार फिर यह दिखाती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में मौसम की चेतावनी प्रणाली को मजबूत करना अत्यंत जरूरी है ताकि इस तरह के हादसों से जन और धन की रक्षा की जा सके।

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