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कोल्हुई: जमीन पट्टा करने के नाम पर लिए पैसे, अब पुलिस सिखाएगी सबक

कोल्हुई क्षेत्र में जमीन पट्टा करने के नाम पर पैसा लेने का आरोप लगा है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: Rohit Goyal
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कोल्हुई: जमीन पट्टा करने के नाम पर लिए पैसे, अब पुलिस सिखाएगी सबक

महराजगंज: कोल्हुई थाना क्षेत्र के एक गांव के व्यति पर जमीन पट्टा कराने के नाम पर पैसा लेने का आरोप लगा है। कोल्हुई थाना क्षेत्र के परासखांड निवासी दिनेश साहनी ने गांव के व्यक्ति आलोक पर जमीन पट्टा दिलाने के नाम पर 60 हजार रुपया लेने का आरोप लगाया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार बताया कि गांव का व्यक्ति 2023 में पट्टा दिलाने के नाम पर पैसा ले लिया लेकिन पट्टा नही दिलाया। अब जब पैसा वापस करने को कहा तो जान से मारने की धमकी दी जा रही है।

कोल्हुई एसओ का बयान

इस संबंध में एसओ आशीष सिंह ने बताया कि आरोपित व्यक्ति के खिलाफ मु०अ०स० 137/25 धारा 406,506 आईपीसी के तहत केस दर्ज कर जांच पड़ताल की जा रही है।

क्या होता है जमीन का पट्टा

जमीन का पट्टा एक कानूनी व्यवस्था है, जो किसी व्यक्ति या संस्था को सरकार या निजी मालिक द्वारा जमीन के सीमित समय के लिए उपयोग का अधिकार प्रदान करती है। यह प्रणाली उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भूमिहीन किसानों, गरीब परिवारों, और व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए जमीन उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।लेकिन कुछ लोग भोलेभाले लोगों को जमीन का लालच देकर उनसे अच्छा-खासा पैसा ऐंठ ले रहे हैं।

क्या होती है रजिस्ट्री वाली जमीन?

रजिस्ट्री वाली जमीन पर सरकार का कोई अधिकार नहीं होता। यह किसी की व्यक्तिगत जमीन होती है जो वह व्यक्ति किसी को भी बेच सकता है और ट्रांसफर भी कर सकता है। वहीं अगर नोटरी वाली जमीन की बात करें तो ऐसी जमीन पर भी भरोसा जताया जा सकता है।

पट्टे वाली जमीन पर केवल सरकार का अधिकार

पट्टे वाली जमीन पर केवल सरकार का ही अधिकार होता है। पट्टा मिलने वाला परिवार उस जमीन का मालिक नहीं हो जाता। वो व्यक्ति ना तो इस जमीन को बेच सकता है और ना ही इसे किसी ओर के नाम पर ट्रांसफर कर सकता है। आपको बता दें कि सरकार की ओर से कुछ तय समय के लिए उस व्यक्ति को पट्टा दिया जाता है।

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