Site icon Hindi Dynamite News

Jalaun: न्यायिक अधिकारी ने किया सप्ताहिक जिला कारागार का निरीक्षण, जेल प्रशासन को दिया सख्त हिदायत, जानिए पूरा मामला

उत्तर प्रदेश के जालौन में अपर जिला जज ने 22 मई 2025 को जिला कारागार उरई का साप्ताहिक भ्रमण किया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रपोर्ट
Published:
Jalaun: न्यायिक अधिकारी ने किया सप्ताहिक जिला कारागार का निरीक्षण, जेल प्रशासन को दिया सख्त हिदायत, जानिए पूरा मामला

जालौन: उत्तर प्रदेश के जालौन में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार सचिव/अपर जिला जज, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती पारुल पंवार ने 22 मई 2025 को जिला कारागार उरई का साप्ताहिक भ्रमण किया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, उन्होंने विभिन्न बैरकों का भ्रमण किया और वहां निरूद्ध बन्दियों से पूछ-तांछ करते हुये उनकी समस्यों को जाना समझा तथा जेल प्रशासन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। इस मौके पर जेल प्रशासन के अधिकारीगण मौजूद थे।

इस निरीक्षण में सचिव, अपर जिला जज, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती पारुल पंवार ने जिन बन्दियों की जमानत सक्षम न्यायालय से हो चुकी हैं किन्तु जमानतगीर न होने के कारण रिहा नहीं हो पा रहे हैं, उनकी सूची अविलम्ब जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जालौन के कार्यालय में प्रेषित किये जाने हेतु जेल प्रशासन को निर्देशित किया।  जिससे कि उन बन्दियों के सम्बन्ध में प्रभावी पैरवी कर उन्हे शीघ्रता से कारागार से रिहा करवाया जा सकें। जिन बन्दियों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं हैं उनकी जमानत राज्य की ओर से जिला अधिकार प्राप्त समिति जालौन के माध्यम से करवायी जा सकें। बन्दियों के मुकदमों की पैरवी, उनको दी जाने वाली विधिक सहायता,

चिकित्सा व खान-पान का निरीक्षण किया

जेल में सलाह, महिला बन्दी व उनके साथ रह रहे बच्चों की चिकित्सा व खान-पान इत्यादि के बारे में जाना-परखा। उन्होंने कई बन्दियों से अलग-अलग जानकारी ली एवं जेल प्रशासन को निर्देशित किया कि कोई भी ऐसा बन्दी जिसका निजी अधिवक्ता न हो अथवा विधिवत् ढंग से न्यायालयों में पैरवी न हो पा रही हो। उनको विधिक सहायता दिलाये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें। यदि किसी विचाराधीन बन्दी को पैरवी हेतु सरकारी खर्चे पर अधिवक्ता की आवश्यकता हो तो सम्बन्धित न्यायालय में बन्दी की ओर से प्रार्थनापत्र दिलवाया जाना सुनिश्चित करें ताकि एमाइकस क्यूरी (न्यायमित्र) की सुविधा उपलब्ध हो सके।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को दिए गए दिशा-निर्देश

इसी तरह आरोपी जो दोषसिद्ध हो चुके हैं लेकिन उनका अपील न हो पाने की स्थिति में नियमानुसार जेल अपील करायी जाये। इसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से आवश्यक समन्वय बनाकर ऐसे प्रकरणों का निर्धारित समयावधि में निस्तारण किया जाये ताकि अपील की मियाद समाप्त न होने पाये। जेल अपील कराये जाने में यदि कोई विधिक समस्या आ रही है तो उसको जिला विधिक सेवा  प्राधिकरण के संज्ञान में लाते हुये द्वारा उचित माध्यम माननीय उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति से यथा आवश्यक पत्राचार किया जाये।

निरीक्षण के दौरान कौन-कौन अपस्थित रहा

इस अवसर पर जेल अधीक्षक नीरज देव, कारापाल प्रदीप कुमार, जेल चिकित्साधिकारी डॉ. राहुल बर्मन, उपकारापाल  अरविन्द सिन्ह व अमर सिंह तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जालौन के लिपिक श्री शुभम् शुक्ला उपस्थित रहे।

वन स्टॉप सेन्टर में क्यों निरीक्षण किया गया

इसके उपरान्त कलेक्ट्रेट परिसर स्थित वन स्टॉप सेन्टर उरई में आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के समय मनोचिकित्सक श्रीमती रागिनी व केस वर्कर श्रीमती प्रवीणा सहित स्टॉफ उपस्थित मिला। सेन्टर का समस्त व्यवस्थाओं को जांचा जिसमें व्यवस्थायें सन्तोषजनक पायी गयी। निरीक्षण के समय वन स्टॉप सेन्टर पर कोई भी महिला पीड़िता उपस्थित नहीं पायी गयी।

Exit mobile version