Gorakhpur: पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश द्वारा चलाए जा रहे “ऑपरेशन कनविक्शन” अभियान के तहत गोरखपुर पुलिस को एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है। थाना चौरीचौरा क्षेत्र में वर्ष 2017 में दर्ज नाबालिग से दुष्कर्म के प्रयास के मामले में अदालत ने अभियुक्त उमेश पुत्र स्व. रामजी को दोषी ठहराते हुए 5 वर्ष के कठोर कारावास और 20,000 रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई।
मामले की संक्षिप्त जानकारी
यह मामला वर्ष 2017 का है, जब लक्ष्मणपुर टोला, गुलखान निवासी उमेश पर थाना चौरीचौरा में मु.अ.सं. 504/2017 के अंतर्गत धारा 376/511 भादवि व 7/8 पाक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज हुआ था। अभियुक्त पर आरोप था कि उसने एक नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया। घटना के तत्काल बाद पुलिस ने जांच शुरू कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया।
पुलिस की पेशेवर कार्यप्रणाली
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर के निर्देशन में थाने के पैरोकार और मॉनिटरिंग सेल ने मामले की प्रभावी पैरवी की। पुलिस ने सभी साक्ष्यों को व्यवस्थित रूप से अदालत में प्रस्तुत किया, जिससे अभियुक्त के खिलाफ मजबूत केस तैयार हुआ।
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अभियोजन पक्ष की भूमिका
अभियोजन पक्ष की ओर से एजीसी श्री संजीत कुमार शाही और एसपीपी श्री उमेश मिश्रा ने अदालत में सशक्त पैरवी की। उन्होंने न्यायालय को यह विश्वास दिलाया कि अभियुक्त अपराध में दोषी है। इस पेशेवर कार्यप्रणाली और दृढ़ साक्ष्य प्रस्तुति के कारण अदालत ने उमेश को दोषी ठहराया।
अदालत का निर्णय
अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने अभियुक्त को 5 वर्ष के कठोर कारावास और 20,000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया। अदालत ने स्पष्ट किया कि अर्थदंड की राशि न देने पर अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। अदालत ने पुलिस की सतत पैरवी और पीड़िता के न्याय के लिए किए गए प्रयासों की भी सराहना की।
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ऑपरेशन कनविक्शन अभियान की उपलब्धि
गोरखपुर पुलिस के लिए यह फैसला ऑपरेशन कनविक्शन अभियान की एक और बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य पुराने गंभीर अपराधों में दोषियों को शीघ्र न्याय दिलवाना और पीड़ितों के अधिकार सुनिश्चित करना है। एसएसपी गोरखपुर ने अभियोजन टीम, पैरोकार, मॉनिटरिंग सेल और संबंधित पुलिस अधिकारियों की सराहना की।

