गोरखपुर: न्यायालय स्थापना के लिए भूमि निरीक्षण, वकीलों ने जज से की ये मांग

गोला तहसील में सिविल न्यायालय की स्थापना की दिशा में बड़ा कदम। जनपद न्यायाधीश आरके सिंह ने प्रस्तावित भूमि का स्थलीय निरीक्षण किया। काश्तकारों और अधिवक्ताओं से सीधे संवाद किया। न्यायाधीश के इस निरीक्षण को गोला तहसील क्षेत्र में न्यायिक की दिशा में निर्णायक कदम माना जा रहा है। पढ़िए पूरी खबर

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 21 December 2025, 8:11 PM IST

Gorakhpur: गोला तहसील में सिविल न्यायालय की स्थापना की दिशा में रविवार को एक महत्वपूर्ण पहल देखने को मिली। जनपद न्यायाधीश आरके सिंह अपनी टीम के साथ तहसील परिसर पहुंचे। न्यायाधीश ने प्रस्तावित भूमि का स्थलीय निरीक्षण किया।

भूमि निरीक्षण

निरीक्षण के दौरान न्यायाधीश ने जमीन की स्थिति का बारीकी से जायजा लिया। साथ ही, उन्होंने काश्तकार निशीथ राय और अन्य से सीधे बातचीत कर उनकी समस्याएं और आपत्तियां सुनी। न्यायाधीश ने सभी बातों को ध्यानपूर्वक सुना और संतोष व्यक्त किया। इस कदम से यह संकेत मिल रहा है कि भूमि चयन प्रक्रिया सही दिशा में आगे बढ़ रही है। न्यायालय स्थापना की संभावना मजबूत हुई है।

Gorakhpur News: कोहरे में ज़ीरो टॉलरेंस का अलर्ट, सड़क हादसों पर चलेगा सख्त अभियान; दुर्घटनाओं पर लगेगी लगाम

अधिवक्ताओं की मांग

कार्यक्रम में गोला तहसील के अधिवक्ताओं ने भी अपनी मांगों को सामने रखा। उनका कहना था कि वर्तमान में बांसगांव दीवानी न्यायालय में लंबित दीवानी वादों को प्रस्तावित गोला ग्राम न्यायालय में स्थानांतरित किया जाना चाहिए। इससे वादकारियों को समय और धन की बचत होगी और न्याय प्रक्रिया तेज़ होगी।

अधिवक्ता रहे मौजूद

निरीक्षण कार्यक्रम में उपजिलाधिकारी गोला अमित कुमार जायसवाल, तहसीलदार सत्येंद्र कुमार मौर्य, नायब तहसीलदार जयप्रकाश सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। गोला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रान्ति देव मिश्रा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में अधिवक्ता उपस्थित थे। वरिष्ठ अधिवक्ताओं की मौजूदगी ने कार्यक्रम को और गरिमामय बना दिया।

रही अरावली तो दिल्ली रहेगी हरी-भरी! अरावली के संरक्षण पर अखिलेश यादव की गंभीर चेतावनी, पढ़ें क्या कहा

जनता के लिए लाभ

जनपद न्यायाधीश के इस निरीक्षण को गोला तहसील क्षेत्र में न्यायिक  की दिशा में निर्णायक कदम माना जा रहा है। यदि योजना मूर्त रूप लेती है तो क्षेत्र की जनता को न्याय की आसान और त्वरित पहुंच मिलेगी। यह कदम न केवल प्रशासनिक दक्षता बढ़ाएगा, बल्कि आम लोगों के लिए न्याय की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाएगा।

नोएडा पुलिस की वर्दी पर बदनामी का दाग: थाने में महिला वकील के फाड़े कपड़े, अब सुप्रीम कोर्ट सिखाएगी सबक, जानें पूरा मामला

Location : 
  • Gorakhpur

Published : 
  • 21 December 2025, 8:11 PM IST