गोरखपुर कोर्ट का बड़ा फैसला; नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को सुनाई ये सजा

जिले में न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में अभियुक्त शनि कुमार को 10 वर्ष का कठोर कारावास और 33 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। यह सजा वर्ष 2017 में थाना खोराबार क्षेत्र में दर्ज हुए चर्चित मामले में दी गई है। अभियुक्त शनि कुमार पुत्र दिपचंद, निवासी जंगल रामगढ़ उर्फ चवरी लोनिया टोला थाना खोराबार, पर एक नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर अगवा करने और दुष्कर्म का गंभीर आरोप सिद्ध हुआ। लंबे समय तक चली सुनवाई के बाद अदालत ने अभियुक्त को दोषी करार दिया।

Post Published By: Rohit Goyal
Updated : 23 September 2025, 3:23 AM IST

Gorakhpur: गोरखपुर जिले में न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में अभियुक्त शनि कुमार को 10 वर्ष का कठोर कारावास और 33 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। यह सजा वर्ष 2017 में थाना खोराबार क्षेत्र में दर्ज हुए चर्चित मामले में दी गई है।

जानकारी के अनुसार, खोराबार थाने में वर्ष 2017 में मु0अ0सं0 698/2017 धारा 363, 366, 507 भादवि तथा 4 पॉक्सो एक्ट के तहत अभियोग पंजीकृत हुआ था। अभियुक्त शनि कुमार पुत्र दिपचंद, निवासी जंगल रामगढ़ उर्फ चवरी लोनिया टोला थाना खोराबार, पर एक नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर अगवा करने और दुष्कर्म का गंभीर आरोप सिद्ध हुआ। लंबे समय तक चली सुनवाई के बाद अदालत ने अभियुक्त को दोषी करार दिया।

सोमवार को मा0 न्यायालय SPL/ASJ/POCSO-02 गोरखपुर ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए अभियुक्त को 10 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई और 33 हजार रुपये जुर्माना अदा करने का आदेश दिया। अदालत ने साफ किया कि नाबालिगों से जुड़े इस तरह के अपराध समाज पर गहरा नकारात्मक प्रभाव डालते हैं, इसलिए अभियुक्त को कठोर सजा मिलनी आवश्यक है।

यह निर्णय पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश द्वारा चलाए जा रहे “ऑपरेशन कनविक्शन” अभियान की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। इस अभियान के तहत पुराने गंभीर मामलों में दोषियों को सजा दिलाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर के निर्देशन में थाने के पैरोकार एवं मॉनिटरिंग सेल की सक्रिय पैरवी के चलते इस मामले में अभियोजन पक्ष सशक्त रूप से अपनी दलीलें प्रस्तुत कर पाया।

इस पूरे मामले में स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर (SPP) श्री राममिलन सिंह का योगदान महत्वपूर्ण रहा। उनकी प्रभावी दलीलों और मजबूत पैरवी के आधार पर अदालत ने अभियुक्त को दोषी करार दिया।

पुलिस विभाग ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि ऐसे अपराधियों को कड़ी सजा मिलने से समाज में कानून का संदेश जाएगा और अपराधियों में भय पैदा होगा। पुलिस का मानना है कि यह फैसला पीड़ित परिवार के लिए न्याय की दिशा में बड़ा कदम है।

इस सजा के बाद पुलिस और न्यायिक तंत्र की सख्ती का एक और उदाहरण सामने आया है, जिससे भविष्य में ऐसे अपराधियों को सबक मिलेगा और पीड़ितों में न्याय की उम्मीद और मजबूत होगी।

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  • Gorakhpur

Published : 
  • 23 September 2025, 3:23 AM IST