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गोरखपुर कोर्ट का बड़ा फैसला: 24 साल पुराने हत्याकांड में आया अंतिम नतीजा, जानें अपराधी को क्या सजा मिली

अदालत के इस निर्णय ने लंबित मामलों के त्वरित निस्तारण की दिशा में भी एक मिसाल कायम की है। पुलिस प्रशासन का कहना है कि “ऑपरेशन कनविक्शन” के जरिए इसी तरह अन्य पुराने गंभीर मामलों को भी न्याय दिलाया जाएगा। यह फैसला गोरखपुर में न्याय और प्रशासनिक सक्रियता की नई तस्वीर पेश करता है।
Post Published By: Mayank Tawer
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गोरखपुर कोर्ट का बड़ा फैसला: 24 साल पुराने हत्याकांड में आया अंतिम नतीजा, जानें अपराधी को क्या सजा मिली

Gorakhpur: न्याय व्यवस्था की कड़ी और नजीर पेश करने वाली बड़ी कार्रवाई में गोरखपुर की एक अदालत ने 24 साल पुराने हत्या प्रयास के मामले में दोषी अभियुक्त को कठोर सजा सुनाई है।

कब की वारदात है?

वर्ष 2001 में थाना गोला जनपद गोरखपुर में पंजीकृत मुकदमा हत्या के प्रयास से जुड़ा था। मंगलवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (UPSEB) ने इस मामले में फैसला सुनाया। अदालत ने अभियुक्त जयराम यादव पुत्र प्रभाकर यादव निवासी बाड़ी तरयां थाना गोला को दोषी पाते हुए 10 वर्ष का सश्रम कारावास और 16,000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।

इन धाराओं में हुआ था मुकदमा दर्ज

इस मामले में अभियुक्त पर धारा 148, 149, 307, 323, 325, 504 और 506 भारतीय दंड संहिता के तहत आरोप सिद्ध हुए। अदालत का यह निर्णय पुलिस और न्यायालय की लंबित मामलों को निपटाने की दिशा में गंभीरता को दर्शाता है। इस मुकदमे में दोषसिद्धि के पीछे पुलिस की पैरोकार इकाई, मॉनिटरिंग सेल और अभियोजन पक्ष की सक्रिय पैरवी का बड़ा योगदान रहा।

“ऑपरेशन कनविक्शन” के तहत एक्शन

गौरतलब है कि पुलिस महानिदेश (उत्तर प्रदेश) द्वारा शुरू किए गए “ऑपरेशन कनविक्शन” अभियान के अंतर्गत यह मामला गंभीरता से आगे बढ़ाया गया। इसी के तहत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर राज करन नय्यर के निर्देशन में थाना गोला की टीम ने सशक्त पैरवी की। अदालत में अपर जिला सरकारी वकील (ADGC) श्रद्धानंद पांडे और रविंद्र सिंह ने ठोस तर्कों और सबूतों के आधार पर अभियुक्त को दोषसिद्ध कर सख्त सजा दिलाने में अहम भूमिका निभाई।

आगे भी ऐसी मिलेगी अपराधियों को सजा

अदालत के इस निर्णय ने लंबित मामलों के त्वरित निस्तारण की दिशा में भी एक मिसाल कायम की है। पुलिस प्रशासन का कहना है कि “ऑपरेशन कनविक्शन” के जरिए इसी तरह अन्य पुराने गंभीर मामलों को भी न्याय दिलाया जाएगा। यह फैसला गोरखपुर में न्याय और प्रशासनिक सक्रियता की नई तस्वीर पेश करता है।

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