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Gorakhpur Accident: नदी की लहरों ने एक माँ का इकलौता सहारा छीना, जानिए क्या है पूरा मामला?

बारानागर कलिका माता मंदिर के समीप सरयू नदी की लहरों ने एक माँ का इकलौता सहारा छीन लिया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: Poonam Rajput
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Gorakhpur Accident: नदी की लहरों ने एक माँ का इकलौता सहारा छीना, जानिए क्या है पूरा मामला?

गोरखपुर : उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक परिवार में अचानक उस वक्त खुशियां मातम में बदल गई, जब एक युवक ने खौफनाक कदम उठाया। गोला थाना क्षेत्र के बारानागर कलिका माता मंदिर के समीप सरयू नदी की लहरों ने एक माँ का इकलौता सहारा छीन लिया। बनवारपार निवासी 20 वर्षीय रमेश गुप्ता, जो अपने दोस्तों के साथ रविवार को नहाने के लिए नदी में उतरा था, की जिंदगी सरयू की गहराइयों में समा गई। 24 घंटे की बेकरार तलाश के बाद सोमवार को उसका शव गोला पक्का घाट के सामने नदी के उस पार धारा में बहता हुआ मिला।

हृदयविदारक घटना घटी

रमेश, जो दो भाइयों और दो बहनों में सबसे छोटा था, अपनी माँ के साथ गाँव में रहता था। उसकी बहनों की शादी हो चुकी थी, जबकि पिता जोखई और भाई सुरेश रोजगार के लिए पंजाब में रहते थे। पिता को पंजाब गए अभी 15 दिन भी नहीं हुए थे कि यह हृदयविदारक घटना घटी।

डाइनामाइट न्यूज़ रिपोर्ट अनुसार रविवार को रमेश ने दोस्तों के साथ नदी में छलांग लगाई, लेकिन वह फिर ऊपर नहीं आ सका। आसपास मौजूद लोगों ने शोर मचाया, खोजबीन शुरू की, लेकिन गहराई ने उसे निगल लिया।

रमेश ने छलांग लगाई

स्थानीय लोगों के मुताबिक, जिस जगह रमेश ने छलांग लगाई, वहाँ नदी की गहराई जानलेवा है। सूचना पर गोला पुलिस और गोताखोरों ने घंटों तलाश की, लेकिन नाकामी हाथ लगी। बाद में एनडीआरएफ की टीम भी बुलाई गई, पर रमेश का पता नहीं चला। सोमवार दोपहर, जब उसका शव नदी के उस पार बहता हुआ मिला, तो माँ का करुण क्रंदन सुन हर किसी की आँखें नम हो गईं। माँ का रो-रोकर बुरा हाल था, जो अपने लाडले को आखिरी बार देखने के लिए बिलख रही थी।

गाँव में मातम का माहौल

शव मिलने की खबर मिलते ही कोतवाल गोला अंजुल चतुर्वेदी, सीओ मनोज कुमार पांडेय, नायब तहसीलदार जय प्रकाश और हल्का लेखपाल अवधेश लाल मौके पर पहुँचे। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। गाँव में मातम का माहौल है, और रमेश की माँ की चीत्कार हर किसी के दिल को चीर रही है। यह घटना न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि सरयू की गहराई के खतरों की ओर भी इशारा करती है।

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