Ghaziabad: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने एक बड़े फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ करते हुए बैंकों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने वाले संगठित गैंग के सरगना गौरव दुआ समेत दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। ये गिरोह कूटरचित दस्तावेजों से फर्जी प्रोफाइल बनाकर बैंक लोन स्वीकृत कराता और रकम हड़प लेता था।
गिरफ्तारी की यह कार्रवाई बीते कल यानी 5 अगस्त की रात 11 बजे जनपद गाजियाबाद के कौशाम्बी थाना क्षेत्र में यशोदा अस्पताल के पास की गई, जहां एसटीएफ नोएडा टीम को मुखबिर की सूचना पर बड़ी सफलता मिली।
गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान
पहला गौरव दुआ, पुत्र हरीश दुआ, निवासी नेहरू ग्राउंड, फरीदाबाद, हरियाणा और दूसरा देवेश बैसोया, पुत्र जय सिंह, निवासी गढ़ी ईस्ट ऑफ कैलाश, लाजपत नगर, नई दिल्ली के रुप में हुई है।
आरोपी के पास से बरामद सामग्री
इन अभियुक्तों के पास से 5.10 लाख रुपय नकद, 63 विभिन्न कंपनियों के ID कार्ड, 30 बैंक चेकबुक, 39 डेबिट व क्रेडिट कार्ड, 8 मोबाइल, 3 लैपटॉप, 2 फर्जी मोहर, 7 पेन ड्राइव, और 1 क्रेटा कार बरामद की गई है। साथ ही, कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं।
जानिए गैंग कैसे करता था फर्जीवाड़ा
पूछताछ में गौरव दुआ ने बताया कि वह दिल्ली यूनिवर्सिटी से B.Com कर चुका है और पहले विभिन्न कंपनियों में डेटा ऑपरेटर और एनालिस्ट के रूप में कार्य कर चुका है। वर्ष 2020 में उसकी मुलाकात अविनाश रंजन कुमार से हुई, जो बैंकों के लिए DSA (Direct Sales Agent) का काम करता था।
अविनाश से उसने सीखा कि कैसे कर्मचारियों की फर्जी प्रोफाइल बनाकर बैंकों से लोन स्वीकृत कराया जा सकता है। इसके बाद गौरव ने यह काम खुद शुरू किया और लोगों को कमीशन का लालच देकर उनके नाम पर फर्जी कंपनियों में एम्प्लॉय दिखाकर सैलरी ट्रांसफर कराई जाती थी। इससे सिविल स्कोर अच्छा बनता और बैंक लोन स्वीकृत हो जाता।
गौरव दुआ और देवेश बैसोया ने मिलकर कई नामी कंपनियों जैसे नेक्सेज प्रा. लि., इनोवसोर्स, कैलीबर बिजनेस सोल्यूशन, रैंडस्टड इंडिया, गुप फोर फैसलिटी के नाम पर दर्जनों फर्जी कर्मचारियों की प्रोफाइल बनाकर बैंकों से लोन उठाया। इनका नेटवर्क IDFC, ICICI, Axis, Kotak, HDFC, RBL, Aditya Birla, Incred जैसी वित्तीय संस्थाओं से जुड़ा हुआ था।
अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
इन अभियुक्तों के खिलाफ थाना कौशाम्बी गाजियाबाद में FIR संख्या 313/25 के अंतर्गत धारा 406, 467, 468, 471, 411, 120B IPC में मुकदमा दर्ज किया गया है। स्थानीय पुलिस द्वारा आगे की वैधानिक कार्यवाही जारी है।