Raebareli: उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के विकास भवन परिसर में शनिवार को उस समय हड़कंप मच गया जब पशुपालन विभाग की कई फाइलों में अचानक आग लग गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एक विभागीय कर्मचारी को फाइलों को खुद आग लगाते हुए देखा गया। जब उससे कारण पूछा गया तो उसने कहा, ये फाइलें कबाड़ थीं और इन्हें अधिकारी के निर्देश पर जलाया जा रहा है।
घोटाले से जुड़ी दस्तावेज़ी साजिश की आशंका
इस घटना ने तब और अधिक गंभीर रूप ले लिया जब यह सामने आया कि फाइलें उस समय जली, जब जिले में पशुपालन विभाग में चारा वितरण को लेकर बड़े पैमाने पर धांधली और घोटाले की आशंका जताई जा रही है। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता और नागरिकों का मानना है कि यह घटना सिर्फ कबाड़ नष्ट करने का मामला नहीं, बल्कि एक सुनियोजित साजिश भी हो सकती है।
शुरुआती समय में आग बुझाने का कोई प्रयास नहीं
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग लगने के शुरुआती मिनटों में कोई भी कर्मचारी या अधिकारी आग बुझाने की कोशिश करता नहीं दिखा। यही नहीं, विभागीय या प्रशासनिक स्तर पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई, जिससे संदेह और गहरा गया।
सवालों के घेरे में अधिकारी और कर्मचारी
सामाजिक कार्यकर्ता आनंद सिंह ने कहा, “अगर ये फाइलें कबाड़ थीं तो इन्हें नष्ट करने की प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए थी। इस तरह गुपचुप तरीके से जलाना अत्यंत संदिग्ध है।” घटना के कई घंटे बीत जाने के बाद भी यह स्पष्ट नहीं हो सका कि जली हुई फाइलों में कौन-कौन से दस्तावेज थे।
जांच के आदेश और कर्मचारियों को नोटिस
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि विवाद बढ़ता देख संबंधित अधिकारियों ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही फाइलें जलाने वाले कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और उनसे जवाब तलब किया गया है। फिलहाल, आग से नष्ट हुई फाइलों की प्रकृति और संख्या को लेकर कोई आधिकारिक विवरण सामने नहीं आया है।