Site icon Hindi Dynamite News

Fatehpur Crime: देशी शराब के ठेके का महिलाओं ने किया विरोध, ठेकेदार को दौड़ाया, पुलिस से हुई तीखी नोकझोंक

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जनपद में अचानक बड़ा बवाल शुरू हो गया, जिसमे पुलिस और महिलाओं के बीच कहासुनी देखने को मिली। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ का पूरी रिपोर्ट
Post Published By: Poonam Rajput
Published:
Fatehpur Crime: देशी शराब के ठेके का महिलाओं ने किया विरोध, ठेकेदार को दौड़ाया, पुलिस से हुई तीखी नोकझोंक

फतेहपुर: फतेहपुर जनपद के कृष्ण बिहारी नगर गढ़ीवा मोहल्ले में शराब ठेके को लेकर महिलाओं का गुस्सा शुक्रवार को फूट पड़ा। मोहल्ले के तालाब को मिट्टी से भरवाकर उसमें बांस की झोपड़ी रखवा कर अवैध रूप से देशी शराब की दुकान खोल दी गई। जैसे ही शराब की बिक्री शुरू हुई, मोहल्ले में शराबियों का जमावड़ा लगने लगा, जिससे महिलाओं और छात्राओं के साथ अभद्रता की घटनाएं बढ़ गईं।

शराब माफिया अरुण जायसवाल से शिकायत

 डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, स्थानीय महिलाओं ने कई बार शराब माफिया अरुण जायसवाल से शिकायत की, लेकिन जब ठेकेदार ने धमकी देना शुरू कर दिया, तो आक्रोशित महिलाओं ने खुद ही मोर्चा संभाल लिया। शुक्रवार दोपहर दर्जनों महिलाओं ने ठेके पर धावा बोला और ठेकेदार को दौड़ा लिया। जान बचाकर भागे ठेकेदार ने एक दुकान में घुसकर खुद को बचाया, लेकिन भीड़ यहीं नहीं रुकी।

महिलाओं और पुलिस के बीच नोकझोंक 

सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह हालात संभाले और ठेकेदार को सुरक्षा घेरे में बाहर निकाला। लेकिन पुलिस की इस कार्रवाई से नाराज महिलाएं पुलिस से भिड़ गईं और जमकर नोकझोंक हुई।

स्थानीय महिला गीता देवी ने बताया कि पहले यह ठेका गढ़ीवा मोहल्ले के दूसरे छोर पर था, लेकिन 15 दिन पहले तालाब में मिट्टी भरवाकर इसे मोहल्ले के बीच खोल दिया गया। “शराबी रोज मोहल्ले की बच्चियों और महिलाओं पर फब्तियां कसते हैं, रास्ता रोकते हैं। अब बर्दाश्त नहीं होगा, हम इस ठेके का विरोध करते हैं,” गीता देवी ने कहा।

माहौल पूरी तरह खराब

एक अन्य महिला चंदा देवी ने बताया कि मोहल्ले में महिलाओं का निकलना दूभर हो गया है। लड़कियों की सुरक्षा खतरे में है और ठेके की वजह से माहौल पूरी तरह खराब हो गया है।

दुकान खुलवाने के प्रयास

इस संबंध में आबकारी निरीक्षक रोबिन आर्या ने बताया कि ठेका 2 महीने 17 दिन पहले आवंटित हुआ था, लेकिन अभी तक दुकान एक दिन भी नहीं खुली थी। इससे सरकार को लगभग 62 लाख रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। प्रतिदिन लगभग 30 हजार रुपये की बिक्री प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि लाइसेंसधारी से दुकान खुलवाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

Exit mobile version