उत्तर प्रदेश में अभियंताओं ने निजीकरण के खिलाफ उठाई आवाज, प्रदेशव्यापी आंदोलन की चेतावनी

बिजली निजीकरण के खिलाफ अभियंताओं ने वाराणसी में आयोजित चिंतन मंथन शिविर में एकजुट होकर निजीकरण के सभी विकल्पों को खारिज किया। ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन ने चेतावनी दी कि निजीकरण के खिलाफ सामूहिक जेल भरो आंदोलन होगा।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 7 October 2025, 8:52 PM IST

Gorakhpur/Varanasi: उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ के तत्वावधान में वाराणसी में आयोजित दो दिवसीय "चिंतन मंथन शिविर संदर्भ निजीकरण" में प्रदेशभर से आए अभियंताओं ने पावर कारपोरेशन द्वारा प्रस्तावित निजीकरण के विकल्पों को सर्वसम्मति से खारिज कर दिया। इस अवसर पर अभियंताओं ने एकजुट होकर निजीकरण के खिलाफ अपने संघर्ष को और तेज़ करने का संकल्प लिया। शिविर के दौरान गूंजते नारे थे- "निजीकरण वापस लो, बिजली कर्मियों का शोषण बंद करो", जो इस मुद्दे पर अभियंताओं की गंभीर चिंता और विरोध को दर्शाते थे।

मुख्य वक्ता शैलेन्द्र दुबे का भाषण

ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (AIPEF) के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने इस शिविर के मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार साझा किए। उन्होंने पावर कारपोरेशन द्वारा प्रस्तावित तीन विकल्पों निजी कंपनी में नौकरी स्वीकार करना, अन्य निगम में स्थानांतरण, और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति को कर्मचारियों के अधिकारों और भविष्य के लिए खतरनाक बताया। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने निजीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया तो यह न केवल बिजली कर्मियों के लिए नुकसानदायक होगा, बल्कि उपभोक्ताओं को भी महंगी और असुरक्षित बिजली आपूर्ति मिलेगी। शैलेन्द्र दुबे ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने निजीकरण का टेंडर जारी किया तो अभियंता सामूहिक जेल भरो आंदोलन करेंगे।

जितेन्द्र सिंह गुर्जर का संघर्ष के लिए आह्वान

कार्यक्रम में उपस्थित महासचिव जितेन्द्र सिंह गुर्जर ने कहा कि इस शिविर का उद्देश्य अभियंताओं को निर्णायक संघर्ष के लिए तैयार करना है। उन्होंने बताया कि इस पहल को बढ़ावा देने के लिए डिस्कॉम स्तर पर पांच विशेष प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाएंगे, जिनमें निजीकरण नीति के वास्तविक खतरे और इसके विकल्पों पर गहन मंथन किया जाएगा। गुर्जर ने यह भी स्पष्ट किया कि अभियंता निजीकरण के खिलाफ संघर्ष में पूरी तरह से एकजुट हैं और यदि सरकार ने इस दिशा में कोई कदम बढ़ाया तो प्रदेशव्यापी आंदोलन और कार्य बहिष्कार की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

महराजगंजः राज्य विद्युत परिषद कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन जारी, मांगे पूरी ना होने पर करेंगे लखनऊ में शक्ति भवन का घेराव

पश्चिमांचल और मध्यांचल में फ्रेंचाइजी प्रक्रिया पर गुस्सा

शिविर के दौरान यह जानकारी सामने आई कि पश्चिमांचल और मध्यांचल के कई बड़े शहरों में अर्बन डिस्ट्रीब्यूशन फ्रेंचाइजी की प्रक्रिया शुरू की जा रही है, जिससे अभियंताओं में गहरी नाराज़गी और आक्रोश फूट पड़ा। अभियंताओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया तो यह आम जनता के लिए महंगी और असुरक्षित बिजली आपूर्ति का कारण बनेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस कदम का विरोध करते हुए प्रदेशव्यापी आंदोलन और कार्य बहिष्कार की संभावना को नकारा नहीं जा सकता।

लखनऊः मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में सुलझे ये 17 मसले, गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने की अध्यक्षता

बिजली निजीकरण को रोकने का संकल्प

कार्यक्रम के समापन पर सभी अभियंताओं ने एक स्वर में संकल्प लिया कि "बिजली निजी हाथों में नहीं जाएगी" और प्रत्येक अभियंता लोकतांत्रिक आंदोलन की अग्रिम पंक्ति में रहेगा। इस आयोजन ने न केवल प्रदेश की सरकार को चेतावनी दी, बल्कि बिजलीकर्मियों के बीच संघर्ष की भावना को भी मजबूती दी। अभियंताओं ने यह स्पष्ट किया कि उनका संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार अपने निजीकरण के निर्णय को वापस नहीं ले लेती।

Location : 
  • Gorakhpur/Varanasi

Published : 
  • 7 October 2025, 8:52 PM IST