DN Follow-Up: हेड कांस्टेबल का फरिश्ता! ऐसे बचाई मासूम की जान, मां ने बच्चों के साथ खाया था जहर

हराजगंज के कोल्हुई थाने में तैनात हेड कांस्टेबल धीरज दुबे ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए एक मासूम बच्ची की जान बचा ली। गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही बच्ची को खून की सख्त जरुरत थी।

Post Published By: Rohit Goyal
Updated : 27 July 2025, 5:19 AM IST

Maharajganj: महराजगंज के कोल्हुई थाने में तैनात हेड कांस्टेबल धीरज दुबे ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए एक मासूम बच्ची की जान बचा ली। गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही बच्ची मनीषा को धीरज दुबे द्वारा समय पर किए गए रक्तदान से नया जीवन मिला। क्षेत्र के परसौना गांव में घटित इस दिल दहला देने वाली घटना ने ना सिर्फ एक परिवार को तोड़ दिया, बल्कि पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार परसौना गांव निवासी संध्या नामक महिला ने घरेलू कलह और पति की प्रताड़ना से तंग आकर कुछ दिन पूर्व अपने तीन मासूम बच्चों के साथ जहरीला पदार्थ खा लिया था। इस दर्दनाक घटना में उसका सबसे छोटा बेटा आदित्य मौके पर ही दम तोड़ बैठा, जबकि संध्या और उसकी दोनों बेटियां मनीषा और प्रियंका गंभीर रूप से बीमार हो गईं। महराजगंज से हालत नाजुक देख डॉक्टरों ने तीनों को गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था।

बच्ची की जान बचाने आगे आए पुलिसकर्मी

गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती मनीषा की हालत रक्त की अत्यधिक कमी के कारण और बिगड़ गई थी। परिजन खून की व्यवस्था नहीं कर पा रहे थे, ऐसे में समय की नजाकत को समझते हुए कोल्हुई थाने में तैनात हेड कांस्टेबल धीरज दुबे ने बिना देर किए रक्तदान कर मनीषा को जीवनदान दिया। उनकी इस त्वरित मानवीय पहल से मासूम की जान बच सकी।

जनपद में हो रही सराहना

धीरज दुबे के इस कार्य की क्षेत्र में व्यापक प्रशंसा हो रही है। ग्रामीणों और पुलिस महकमे के अधिकारी उनकी इस भूमिका को मानवता की सच्ची मिसाल मान रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसे सिपाही समाज में आशा और प्रेरणा का संचार करते हैं। कोल्हुई थानाध्यक्ष ने भी धीरज की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि "पुलिस केवल कानून व्यवस्था ही नहीं देखती, वह जरूरत पड़ने पर समाज का अभिन्न सहारा भी बनती है।"

 

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  • Maharajganj

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  • 27 July 2025, 5:19 AM IST