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दिल्ली ब्लास्ट के बाद कानपुर में 10 साल पुराना रहस्य फिर खुला, GSVM पहुंची एजेंसियां; क्या है कोई कनेक्शन?

कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में फार्माकोलॉजी विभाग की पूर्व प्रवक्ता डॉ. शाहीन के लापता होने के मामले में खुफिया एजेंसियों ने गहन जांच शुरू की। अधिकारियों से पूछताछ में डॉ. शाहीन के निजी और पेशेवर जीवन से जुड़े अहम सुराग तलाशे जा रहे हैं।
Post Published By: Sapna Srivastava
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दिल्ली ब्लास्ट के बाद कानपुर में 10 साल पुराना रहस्य फिर खुला, GSVM पहुंची एजेंसियां; क्या है कोई कनेक्शन?

Kanpur: कानपुर के GSVM मेडिकल कॉलेज में फार्माकोलॉजी विभाग की पूर्व प्रवक्ता डॉ. शाहीन के लापता होने का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आया है। उनके लापता होने की गंभीरता को देखते हुए मंगलवार को खुफिया एजेंसियों की टीम ने कॉलेज पहुंचकर जांच शुरू की और विभाग के अधिकारियों से गहन पूछताछ की।

डॉ. शाहीन का पेशेवर इतिहास

डॉ. शाहीन वर्ष 2006 में लोक सेवा आयोग से चयनित होकर जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में प्रवक्ता के पद पर तैनात हुईं। उनके करियर में वर्ष 2009 में छह महीने के लिए कन्नौज तबादला हुआ, जिसके बाद वह कॉलेज वापस लौट आईं।

वर्ष 2013 में वह अचानक गायब हो गईं। लंबे समय तक अनुपस्थिति के कारण शासन ने वर्ष 2021 में उन्हें बर्खास्त कर दिया।

निजी जीवन और तलाक का विवरण

जांच में यह भी सामने आया कि डॉ. शाहीन ने वर्ष 2015 में अपने पति जफर हयात से तलाक ले लिया था। उनके तलाक के बाद उनका पता लखनऊ बताया गया था। खुफिया एजेंसियां उनके लापता होने के पीछे के कारणों और संपर्क सूत्रों की गहनता से जांच कर रही हैं।

अधिकारियों से पूछताछ के दौरान उनकी कार्यशैली, पेशेवर गतिविधियों और निजी जीवन से जुड़े अहम जानकारी को इकट्ठा करने की कोशिश की जा रही है।

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एजेंसियों की गहन पूछताछ

खुफिया एजेंसियों की टीम ने कॉलेज में फार्माकोलॉजी विभाग के अधिकारियों से लंबी पूछताछ की। एजेंसियों का उद्देश्य डॉ. शाहीन के अचानक गायब होने के पीछे की वजह और उनके संभावित संपर्क सूत्रों का पता लगाना है।

पुलिस और खुफिया एजेंसियां यह भी जांच रही हैं कि क्या उनका गायब होना व्यक्तिगत कारणों या पेशेवर परिस्थितियों से जुड़ा हुआ है।

जांच की संभावित दिशा

मौजूदा समय में जांच एजेंसियां कॉलेज परिसर और आसपास के क्षेत्रों में डॉ. शाहीन के गतिविधियों के बारे में जानकारी जुटा रही हैं। अधिकारियों का मानना है कि उनके पेशेवर रिकॉर्ड और निजी संपर्कों की समीक्षा से गायब होने के रहस्य को सुलझाया जा सकता है।

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जांच में यह भी देखा जा रहा है कि क्या उनकी अचानक अनुपस्थिति से कॉलेज और विभाग पर कोई प्रभाव पड़ा या कोई अन्य महत्वपूर्ण जानकारी उजागर हो सकती है।

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