Kaushambi: मंझनपुर कोतवाली क्षेत्र के लोटिया मजरा दुबरा गांव से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां ससुराल पक्ष के लोगों ने समला देवी नाम की महिला को 28 जुलाई की शाम से लेकर लगातार 44 दिनों तक एक कमरे में बंद कर रखा। इस दौरान उसे बेरहमी से पीटा गया, यहां तक कि उसका हाथ भी तोड़ दिया गया।
रुपये न लाने का आरोप
पीड़िता समला देवी ने बताया कि मायके से रुपये न लाने पर उसका पति केशराज, जेठ सुखराम, जेठानी गीता देवी, सास कलावती और रिश्तेदार जागेश्वर उसे प्रताड़ित करते रहे। सभी मिलकर उस पर शारीरिक और मानसिक अत्याचार करते थे। न तो उसका इलाज कराया गया और न ही उसे सही ढंग से भोजन दिया गया।
अपमानजनक हालात में गुज़री ज़िंदगी
महिला ने आरोप लगाया कि उसे कमरे में कैद करके रखा गया। शौच के लिए भी सास और जेठानी की निगरानी में जाना पड़ता था। यह कैद किसी जेल से भी बदतर थी। घर की चारदीवारी के भीतर वह हर दिन पीड़ा और अपमान झेल रही थी।
मासूम बेटियों की मजबूरी
इस दौरान उसकी मासूम बेटियां सुनैना और रेशमा भीषण हालात में जीने को मजबूर हो गईं। वे भूख से परेशान होकर गांव में इधर-उधर भटकती रहीं और लोगों से भीख मांगकर किसी तरह पेट भरती रहीं। गांव के लोगों ने इस दुखद स्थिति को देखा, लेकिन किसी ने परिवार की मदद करने की हिम्मत नहीं दिखाई।
हिम्मत दिखाकर पहुंची एसपी के पास
आखिरकार समला देवी ने किसी तरह हिम्मत जुटाकर घर से निकलने का मौका पाया और सीधे पुलिस अधीक्षक (एसपी) राजेश कुमार के पास पहुंची। वहां उसने अपने साथ हुए उत्पीड़न की पूरी कहानी सुनाई। एसपी ने उसकी शिकायत गंभीरता से लेते हुए तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए।
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पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
एसपी राजेश कुमार ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और सख्त कानूनी कदम उठाए जा रहे हैं। साथ ही पुलिस ने ग्रामीणों से अपील की है कि इस तरह की घटनाओं पर चुप न रहें और तुरंत प्रशासन को सूचित करें, ताकि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह मामला घरेलू हिंसा और महिला उत्पीड़न का बेहद गंभीर उदाहरण है। पीड़िता की सूझबूझ और हिम्मत से वह आज न्याय की लड़ाई लड़ रही है, वहीं पुलिस की तत्परता ने दोषियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।

