उत्तर प्रदेश में कोडिन सिरप के अवैध कारोबार को लेकर बड़े खुलासे हो रहे हैं। विभागीय अधिकारियों के संलिप्त होने के कारण जांच का दायरा बढ़ गया है। कोलकाता से गिरफ्तारियां और विभागीय कार्रवाई की तलवार लटक रही है।

कोडिन सिरप का कारोबार
Lucknow: उत्तर प्रदेश में कोडिन सिरप के अवैध कारोबार को लेकर हर दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (FSDA) ने 10 अक्तूबर को लखनऊ से जांच शुरू की थी, और अब तक इस मामले में कई बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। जांच के दायरे में पांच सहायक आयुक्त और औषधि निरीक्षकों की संलिप्तता सामने आई है। इस मामले ने राज्य भर के अधिकारियों को भी अपनी गिरफ्त में ले लिया है और विभागीय अधिकारियों पर गाज गिरने की संभावना बन गई है।
कोडिन सिरप का अवैध कारोबार न केवल राज्य के विभिन्न शहरों में बल्कि नेपाल और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों में भी फैल चुका है। यह सिरप विशेष रूप से नशे के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। एफएसडीए की टीम ने इसकी गहन जांच शुरू की और पाया कि बड़े गैंग इस धंधे में शामिल हैं। कानपुर, वाराणसी और आगरा में इस सिरप की बड़ी मात्रा में बरामदगी हुई है और अधिकारियों पर भी जांच की तलवार लटक रही है।
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कानपुर में कोडिन सिरप की बड़ी खेप मिलने के बाद सहायक आयुक्त और औषधि निरीक्षक को प्रदेश मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। उनकी भूमिका की गहराई से जांच की जा रही है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि इन अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा सकते हैं। इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए नोटिस जारी किए जाने की तैयारी है।
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, वाराणसी और आगरा के सहायक आयुक्त की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है। इसके अलावा कई औषधि निरीक्षकों पर आंतरिक जांच चल रही है, और इनकी भी संदिग्ध भूमिका का खुलासा होने की संभावना है। जांच के दौरान सबूत मिलने पर इन अधिकारियों पर भी कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
कोडिन सिरप के धंधे के रैकेट के सूत्र अब बॉर्डर जिलों तक पहुंच चुके हैं। चंदौली, मिर्जापुर, गाजीपुर, बलिया, सिद्धार्थनगर, महराजगंज जैसे जिले, जो दूसरे राज्यों से सटे हुए हैं, वहां के औषधि निरीक्षकों पर भी निगाह रखी जा रही है। इन क्षेत्रों में कार्यरत निरीक्षकों से संबंधों की जांच की जा रही है, जो इस धंधे में लिप्त हो सकते हैं।
कोडिन सिरप के इस कारोबार में शामिल आरोपियों के खिलाफ एसआईटी ने कोलकाता में बड़ी कार्रवाई की। शुभम जायसवाल के करीबी निशांत फार्मा के प्रोपराइटर प्रतीक मिश्रा और विश्वनाथ मेडिकल एजेंसी के प्रोपराइटर विशाल सोनकर को गिरफ्तार किया गया है। इन दोनों आरोपियों पर झारखंड के एक बड़े व्यापारी से कोडिन सिरप की बड़ी खेप खरीदने का आरोप है।
कोडिन सिरप के इस बड़े रैकेट में कई और नाम भी सामने आ रहे हैं। शुभम जायसवाल के करीबी लोगों में तुषार अग्रवाल, मनोज यादव, नीरज सिंह, महेश लालवानी समेत कई अन्य नाम रडार पर हैं। इनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश जारी है और इस मामले में अब तक 38 फर्मों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है।