Lucknow: आज बुधवार को, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां एक बड़ी बैठक की. इस बैठक में राज्य की राजधानी लखनऊ मंडल के सभी छह जिलों- लखनऊ, हरदोई, रायबरेली, उन्नाव, सीतापुर और लखीमपुर खीरी के 42 विधायक और 5 विधान परिषद सदस्य (MLC) शामिल थे. बता दें कि मंगलवार को भी CM योगी ने प्रयागराज में एक उच्चस्तरीय बैठक की थी जिसमें विन्ध्यांचल मण्डल के सांसदों, विधायकों और विधान परिषद सदस्यों के साथ प्रस्ताव एवं कार्य योजना को लेकर पूरी तरह से समीक्षा की गई थी। इस अवसर पर उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों से निर्वाचन क्षेत्रों की परिस्थितियों, जनअपेक्षाओं और विकासात्मक प्राथमिकताओं को लेकर बातचीत की।
योजनाओं की समीक्षा की
बैठक का उद्देश्य न केवल योजनाओं की समीक्षा करना था, बल्कि जनप्रतिनिधियों की जमीनी समझ और अनुभव के माध्यम के बाद से ही क्षेत्र विशेष की समस्याओं को प्राथमिकता के साथ समझना और समाधान सुनिश्चित करने को लेकर जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि प्रयागराज और विन्ध्यांचल क्षेत्र के विकास को सरकार प्राथमिकता देने में लगी हुई है। इन दोनों ही मण्डल को उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान के केन्द्र माना जा रहा है।
इन क्षेत्रों का पुनरुत्थान और समेकित विकास प्रदेश के विकास को गति देने में अहम भूमिका निभाता है। बैठक में जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तुत होने वाले कार्यों के प्रस्तावों पर विस्तार हो गई। उन्होने जनप्रतिनिधियों के द्वारा पीडब्लूडी विभाग को उपलब्ध करने को लेकर प्रस्तावों पर विधानसभावार चर्चा कर जनप्रतिनिधियों द्वारा उपलब्ध करने को लेकर प्रस्तावों को प्राथमिकता के आधार पर नंबरिंग कर उपलब्ध कराने की बात की।
स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति
लोक निर्माण विभाग और धर्मार्थ कार्य विभाग को निर्देशित कर दिया कि जनप्रतिनिधियों से वार्ता करने के बाद उनके द्वारा प्रस्तावित कार्यों की प्राथमिकता देते हुए कार्यों को गुणवत्तापूर्ण ढंग से क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। प्रस्तावित कार्यों में ब्लॉक मुख्यालयों तक कनेक्टिविटी, इण्टर-कनेक्टिविटी सड़कें, धार्मिक स्थलों तक पहुंच मार्ग, लॉजिस्टिक्स हब, बाईपास, आरओबी/अण्डरपास, फ्लाईओवर, मेजर एवं माइनर ब्रिज, रोड सेफ्टी उपाय, सिंचाई अवसंरचना और पाण्टून ब्रिज जैसे अनेक कार्य भी शामिल किए गए। यह सभी भौगोलिक चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों को जोड़ने का कार्य माना गया है, साथ ही स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देने में इससे सहायता मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने नगर विकास विभाग को निर्देश दिए कि विभाग द्वारा किसी परियोजना का प्रस्ताव तैयार करने से पूर्व स्थानीय जनप्रतिनिधियों का मार्गदर्शन हासिल करे और जो भी कार्य कराए जाते है उस क्षेत्र से संबंधित जनप्रतिनिधियों का नाम शिलापट्ट पर जरूर उल्लेखित किया जाए।

