लखनऊ: समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से राज्य में छह राष्ट्रीय स्तर के सैनिक स्कूल खोलने की मांग की है। इतना ही नहीं उन्होंने छह प्रमुख शहरों के नाम भी सुझाए हैं। इसके पीछे उन्होंने कहा कि इससे देश की अखंडता पर विचार करने वालों को जवाब मिलेगा।
अखिलेश यादव ने किया एक्स पर पोस्ट
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, अखिलेश की इस मांग को हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर से जोड़कर देखा जा रहा है। अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट कर बीजेपी सरकार से यह मांग की है। उन्होंने लिखा कि जहां ‘वीरता की महान परंपरा’ का पालन हुआ है, वहां हमने शौर्य और चरित्र की शिक्षा ली है। उन्होंने लिखा कि अपने ध्येय वाक्य ‘शीलं परम् भूषणम’ से हम सभी में देशभक्ति, अनुशासन और वीर चरित्र के बीज बोने वाले राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल धौलपुर ने देश की रक्षा और सुरक्षा में अपना योगदान दिया है, इसकी परंपरा देश की आजादी से लेकर आज तक जारी है।
जहाँ चलती आई है ‘महान परम्परा वीरता’ की
वहाँ पर हमको सीख मिली शूरता-शीलता की
हम सबमें, अपने आदर्श वाक्य ‘शीलम् परम भूषणम्’ से देशभक्ति, अनुशासन और पराक्रम के शील-चरित्र का बीज बोनेवाले राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल धौलपुर का, देश की प्रतिरक्षा-सुरक्षा में जो योगदान रहा है, उसकी… pic.twitter.com/pta4WjtnVp
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 14, 2025
यूपी में सच्चे देशभक्तों की अनंत गौरवशाली परंपरा जो स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों से लेकर आज तक चली आ रही है, के आधार पर हम मांग करते हैं कि यूपी में निम्नलिखित स्थानों पर नए सैनिक स्कूल खोले जाएं, ताकि हमारे देश की अखंडता और एकता को चुनौती देने वाली ताकतों को सही मायने में निर्णायक जवाब दिया जा सके। अखिलेश ने मांग की है कि लखनऊ, सहारनपुर, कन्नौज, इटावा, वाराणसी और संत कबीर नगर में सैनिक स्कूल खोले जाएं।
जश्न मनाने के लिए देशभर में तिरंगा यात्रा
सपा प्रमुख ने लिखा है कि उम्मीद है कि मौजूदा संवेदनशील सामरिक परिस्थितियों को देखते हुए सरकार इस पर गंभीरता से विचार करेगी और राष्ट्रहित को देखते हुए यूपी में इन सैनिक स्कूलों की स्थापना की तत्काल घोषणा करेगी। यही वजह है कि अखिलेश की यह मांग आज ऐसे समय में आई है, जब बीजेपी ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का जश्न मनाने के लिए देशभर में तिरंगा यात्रा निकाल रही है।
मांग पर योगी सरकार के फैसले का इंतजार
अखिलेश यादव खुद सैनिक स्कूल से पास आउट हैं और उनकी इस मांग को राजनीतिक के साथ-साथ सामाजिक समर्थन भी मिल रहा है। राजनीतिक जानकार इसे अखिलेश के मंझे हुए नेता के तौर पर देख रहे हैं, क्योंकि अखिलेश भी यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि असली देशभक्ति क्या होती है। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि अखिलेश की इस मांग पर योगी सरकार क्या रुख अपनाती है।

