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बस्ती बिजली विभाग में बड़ा एक्शन! वायरल ऑडियो बना गले की फांसी का फंदा, अधीक्षण अभियंता सस्पेंड

बस्ती में बिजली उपभोक्ता से बदसलूकी करने वाले अधीक्षण अभियंता प्रशांत सिंह पर गिरी गाज! ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा के आदेश पर वायरल ऑडियो को लेकर तत्काल प्रभाव से निलंबन. उपभोक्ता की अनदेखी और अमर्यादित भाषा के कारण हुई बड़ी कार्रवाई. पूरे विभाग में हड़कंप!
Post Published By: Poonam Rajput
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बस्ती बिजली विभाग में बड़ा एक्शन! वायरल ऑडियो बना गले की फांसी का फंदा, अधीक्षण अभियंता सस्पेंड

Basti: उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री और नगर विकास मंत्री ए.के. शर्मा की सख्ती एक बार फिर देखने को मिली है। बस्ती जिले में अधीक्षण अभियंता प्रशांत सिंह को उपभोक्ता से अभद्र व्यवहार और लापरवाही के चलते तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इस कार्रवाई के पीछे का कारण एक वायरल ऑडियो है, जिसमें वह रिटायर्ड पीसीएस अधिकारी भरत पांडे से बिजली आपूर्ति को लेकर फोन पर अभद्र भाषा का प्रयोग करते सुनाई दे रहे हैं।

सूत्रों  के अनुसार, ऊर्जा मंत्री ने इस मामले का सोशल मीडिया पर संज्ञान लेते हुए तत्काल सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके बाद पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक शम्भु कुमार ने अधीक्षण अभियंता को निलंबित कर दिया। निलंबन के दौरान प्रशांत सिंह को पूर्वांचल मुख्यालय, वाराणसी से संबद्ध रखा जाएगा।

प्रारंभिक जांच में पाया गया कि प्रशांत सिंह ने न केवल उपभोक्ता की शिकायत को अनसुना किया, बल्कि फोन पर असंवेदनशील और अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल भी किया। यह आचरण सरकार की “उपभोक्ता देवो भव:” नीति के खिलाफ माना गया। मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस तरह की लापरवाही और जनता से दुर्व्यवहार अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

ए.के. शर्मा ने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि कोई भी अधिकारी यदि उपभोक्ताओं की समस्याओं के समाधान में टालमटोल करता है या मर्यादा का उल्लंघन करता है, तो उस पर सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जनता को गुणवत्तापूर्ण और निर्बाध विद्युत आपूर्ति देने के लिए प्रतिबद्ध है, और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही को बख्शा नहीं जाएगा।

ऊर्जा मंत्री ने यह भी बताया कि पिछले तीन वर्षों में 26,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि विद्युत व्यवस्था सुधार के लिए खर्च की गई है, इसके बावजूद कुछ कर्मचारियों की वजह से सरकार की छवि धूमिल हो रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब बार-बार ट्रिपिंग, लो वोल्टेज, अनावश्यक शटडाउन और बिजली कटौती को लेकर कोई बहाना नहीं चलेगा। दोषी अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी, चाहे वह किसी भी स्तर का हो।

यह कार्रवाई न सिर्फ बस्ती बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग के अधिकारियों के लिए एक चेतावनी मानी जा रही है। अब उपभोक्ताओं से अमर्यादित भाषा या गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार करने वालों पर सरकार की निगाहें टेढ़ी हो चुकी हैं।

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